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पीएम का भाजपा को आश्वासन, कश्मीर में पैकेज नहीं, शांति है प्राथमिकता

वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर भाजपा के 10 विधायकों की घाटी के हालात पर प्रधानमंत्री से चर्चा होने के बाद मुख्य विपक्षी दल ने गुरुवार को दावा किया कि उसे मनमोहन सिंह ने आश्वासन दिया है कि किसी भी तरह के राजनीतिक पैकेज से पहले केंद्र की प्राथमिकता कश्मीर में अमन कायम करने की है.

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वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर भाजपा के 10 विधायकों की घाटी के हालात पर प्रधानमंत्री से चर्चा होने के बाद मुख्य विपक्षी दल ने गुरुवार को दावा किया कि उसे मनमोहन सिंह ने आश्वासन दिया है कि किसी भी तरह के राजनीतिक पैकेज से पहले केंद्र की प्राथमिकता कश्मीर में अमन कायम करने की है.

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इस बैठक के बारे में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संवाददाताओं से कहा, ‘आडवाणी ने प्रधानमंत्री से कहा कि लोकसभा में गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कश्मीर के हालात पर वक्तव्य देकर घाटी के हालात से तो वाकिफ कराया लेकिन उन्होंने देश को यह साफ-साफ नहीं बताया कि इस स्थिति से निपटने के लिये सरकार क्या कर रही है. इससे यह जाहिर हुआ कि सरकार को ही यह नहीं सूझ रहा कि हालात से कैसे निपटा जाये.’

उन्होंने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री से मुख्य तौर पर दो मांग की. पहली, इस मुद्दे पर चर्चा के लिये तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलायी जाये. दूसरी, घाटी में सेना को हतोत्साहित करना बंद किया जाये.’ सुषमा ने कहा, ‘हमारे तर्क सुनने के बाद प्रधानमंत्री का रुख सकारात्मक था. उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि किसी भी तरह के राजनीतिक पैकेज से पहले केंद्र की प्राथमिकता घाटी में अमन कायम करने की है. {mospagebreak}

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प्रधानमंत्री ने यह भी आश्वस्त कराया कि वह इस मुद्दे पर सभी दलों के विचार जानना चाहेंगे.’ सुषमा ने कहा, ‘केंद्र घाटी के हालात से निपटने के लिये सेना को बंधे हाथों से भेजता है और पिर हर घटना को लेकर सुरक्षा बलों पर जांच बैठा दी जाती है. कभी कानून में नर्मी लाने की बात होती है तो कभी राजनीतिक पैकेज की. देश दुविधा में है कि आखिर सरकार क्या कर रही है.’

सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद अब हमें यह उम्मीद है कि जल्द से जल्द सर्वदलीय बैठक बुलायी जायेगी. उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात अभूतपूर्व हैं. वहां जो हो रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ. सेना का मनोबल जबर्दस्त तरीके से गिरा है.’

यह पूछने पर कि क्या पार्टी यह चाहती है कि सुरक्षा बलों को गोली मारने का लाइसेंस दे दिया जाये, नाराज सुषमा ने प्रतिक्रिया दी, ‘हमने यह कभी नहीं कहा कि सुरक्षा बलों को लोगों को मारने का लाइसेंस दिया जाये. लेकिन क्या राज्य सरकार वहां भीड़ को सुरक्षा बलों पर पथराव करने का लाइसेंस देना चाहती है.’

उन्होंने कहा, ‘घाटी में राज्य सरकार का शासन नहीं चल रहा है. वहां के मुख्यमंत्री की लोकप्रियता खत्म हो गयी है.’ प्रधानमंत्री से मुलाकात करने गये भाजपा के प्रतिनिधिमंडल में आडवाणी और सुषमा के साथ ही राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, जम्मू-कश्मीर के भाजपा विधायक दल के नेता चमन लाल, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष शमशेर सिंह तथा राजन सुशांत, शांता कुमार और तरुण विजय शामिल थे. उन्होंने प्रधानमंत्री को ग्यापन भी सौंपा.

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