scorecardresearch
 

PM इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के पूर्व सदस्‍य प्रोफेसर व्‍यास का निधन

स्‍वतंत्र अर्थशास्त्री प्रोफेसर वीएस व्‍यास अपने सामाजिक कार्यों के लिए भी जाने जाते थे. वह सूचना का अध‍िकार, राइट टु फूड कैंपेन, नरेगा कैंपेन जैसे सामाजिक आंदोलनों से भी जुड़े रहे.

Advertisement
X
स्‍वतंत्र अर्थशास्त्री प्रोफेसर वीएस व्‍यास(फाइल फोटो)
स्‍वतंत्र अर्थशास्त्री प्रोफेसर वीएस व्‍यास(फाइल फोटो)

Advertisement

पीएम इकनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के पूर्व सदस्‍य प्रोफेसर वीएस व्‍यास का निधन हो गया है. 12 सितंबर को सुबह 7 बजे उन्‍होंने अंति‍म सांस ली. वीएस व्‍यास 87 वर्ष के थे. उनके परिवार में पत्‍नी लक्ष्‍मी के अलावा दो बेटे विक्रम और राजीव हैं.

वीएस व्‍यास ने स्‍वतंत्र अर्थशास्त्री के रूप में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह दोनों की सरकारों में काम किया. वह पहले राजस्‍थान स्‍टेट प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन थे. इसके अलावा उन्‍होंने आईडीएस के डायरेक्‍टर और प्रोफेसर एमेरिटस के रूप में भी काम किया. प्रोफेसर वीएस व्‍यास वर्ल्‍ड बैंक में भी काम कर चुके थे. आईआईएम अहमदाबाद के डायरेक्‍टर रहने के अलावा उन्‍होंने गुजरात के वल्‍लभ विद्या नगर में एक इंस्‍टिट्यूट की भी स्‍थापना की थी. वे कृषि अर्थशास्त्री भी थे.

उन्‍होंने अपने पर‍िवार के साथ मिलकर अजीत फाउंडेशन की स्‍थापना की थी. यह संस्‍था राजस्‍थान में युवाओं के विकास पर काम करता है और शहर में कई लाइब्रेरी की स्‍थापना करने में योगदान कर चुका है. शुरुआती दिनों से ही वीएस व्‍यास मानवतावादी नेता एमएन रॉय से प्रभावित थे और मानते थे कि पढ़ने, बहस करने और विचार-विमर्श करने से समाज में बदलाव आ सकता है.

Advertisement

वीएस व्‍यास कई सामाजिक आंदोलनों से भी जुड़े रहे. इसमें सूचना का अध‍िकार, राइट टु फूड कैंपेन, नरेगा कैंपेन शामिल हैं. इन्‍हें देश के विकास में अहम योगदान देने के लिए 2006 में पद्म भूषण से सम्‍मानित किया गया था.

पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि कई महीनों से बीमार होने के बावजूद इन्‍होंने अपना शैक्ष‍णि‍क कार्य जारी रखा था. उपचार के लिए अस्‍पताल जाने से इनकार करते हुए इन्‍होंने घर पर अंतिम सांस लेने की इच्‍छा जाहिर की थी. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उन्‍होंने हाल के दिनों में सरकार द्वारा वामपंथी विचारकों, प्रोफेसरों की गिरफ्तारी के मामले में चिंता जाहिर की थी. खासकर वे अर्थशास्त्री कृष्‍णा भारद्वाज की बेटी सुधा भारद्वाज के लिए चिंत‍ित थे. उनके मन में कृष्‍णा भारद्वाज के लिए काफी सम्‍मान था.

Advertisement
Advertisement