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गन्ना किसानों से मिले PM मोदी, खरीफ फसल का MSP 150% करेगी सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, महाराष्ट्र और कर्नाटक के गन्ना किसानों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि खरीफ फसलों की लागत राशि पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 150 फीसदी किया जाएगा. इस बाबत अगले सप्ताह घोषणा की जाएगी.

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गन्ना किसानों से मिलते पीएम मोदी
गन्ना किसानों से मिलते पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, महाराष्ट्र और कर्नाटक के गन्ना किसानों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि खरीफ फसलों की लागत राशि पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 150 फीसदी किया जाएगा. इस बाबत अगले सप्ताह घोषणा की जाएगी.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट की आगामी बैठक के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 150 फीसदी करने को मंजूरी दे दी जाएगी. पीएम मोदी ने कहा कि खरीफ की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 150  फीसदी की वृद्धि होने से किसानों की आमदनी में इजाफा होगा. इस दौरान 140 से ज्यादा किसान मौजूद थे.

दिल्ली में गन्ना किसानों से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि साल 2018-19 के लिए गन्ना की उचित कीमत का ऐलान किया जाएगा, जो साल 2017-18 की कीमत से ज्यादा होगा. इसके अलावा जिन किसानों के गन्ना की रिकवरी 9.5 फीसदी से ज्यादा होगी, उनको सरकार इंसेंटिव दिया जाएगा.

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हाल ही में मोदी सरकार को गन्ना किसानों कड़ा विरोध झेलना पड़ा था. गन्ना की कीमत नहीं बढ़ाए जाने को लेकर किसान सड़कों में उतर आए थे. हालांकि गन्ना किसानों के भुगतान में चीनी मिलों को सक्षम बनाने के लिए पिछले पांच वर्षों के दौरान केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इनमें चीनी का आयात शुल्क दोगुना कर 100 प्रतिशत करना, निर्यात शुल्क समाप्त करना और 8500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देना शामिल है.

शुक्रवार की मुलाकात से पहले 20 जून को पीएम मोदी ने नमो ऐप के जरिए किसानों से बात की थी. इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी थी. प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसान हमारे अन्नदाता हैं. वो हमें भोजन देते हैं. देश की अर्थव्यवस्था को बदलने का पूरा श्रेय सिर्फ किसानों को ही जाता है. देश के विकास के लिए किसानों ने खून-पसीना एक किया है.

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