प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को लोकसभा में अपने भाषण में आंकड़ों के जरिए यूपीए सरकार की जमकर पीठ थपथपाई और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा वार किया. प्रधानमंत्री लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भाषण दे रहे थे.
मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान बीजेपी की आलोचनाओं के जवाब में गालिब का ये शेर पढा, ‘हमको उनसे वफा की है उम्मीद, जो नहीं जानते वफा क्या है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपीए की सामाजिक और आर्थिक नीतियों को लेकर बीजेपी का एक विशेष नजरिया है. बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कांग्रेस के नेतृत्व और प्रतिष्ठानों के बारे में भददी भाषा बोली गयी. लेकिन हमारी मंशा उनका जवाब देना नहीं है बल्कि हमारा काम बोलता है. हमने (बीजेपी का) ये अहंकार पहली बार नहीं देखा है. यदि जनता हमारे काम को देखे तो 2014 के चुनाव में भी वही करेगी जो 2004 और 2009 में किया.
मनमोहन सिंह ने माना कि पिछले एक साल में कठिन हालात का सामना करना पड़ा है. विकास की दर मंद पडी है और पिछले दो साल में महंगाई बढी है. बारहवीं योजना में अर्थव्यवस्था की आठ प्रतिशत की विकास दर और कृषि क्षेत्र की चार प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने का यकीन करते हुए सिंह ने कहा कि निवेश विशेषकर निजी निवेश को प्रोत्साहित करना होगा.
सरकार समावेशी विकास पर ध्यान केन्द्रित रखेगी. उन्होंने कहा कि गरीबी ही नहीं असमानता को दूर करना होगा. अनुसूचित जाति जनजाति, अन्य पिछडे वर्ग के कल्याण के लिए काम करना होगा. लैंगिक असमानता को दूर करना होगा. रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने होंगे.
मनमोहन सिं ने विश्वास जताया कि यूपीए सरकार की नीतियां इस तरह से तैयार की गयी हैं, जो उक्त उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम हैं. यूपीए के नौ साल और राजग के छह साल के शासन की तुलना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक मंदी के बावजूद यूपीए के नौ साल के शासन में औसत विकास दर 7.9 प्रतिशत रही. राजग के समय यह छह प्रतिशत से अधिक कभी नहीं रही.
उन्होंने कहा कि ये सच है कि 2012 में विकास धीमी गति से हुआ लेकिन यूरोप, जापान और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश भी मंदी से गुजर रहे हैं. हमारी आर्थिक स्थिति उनसे बेहतर है हालांकि हम संतुष्ट नहीं हैं.
सिंह ने कहा कि 2004-05 से 2011-12 तक कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.7 प्रतिशत रही. 1998-99 से 2003-04 के बीच यह 2.9 प्रतिशत से ऊपर कभी नहीं गयी. कृषि क्षेत्र में तीव्र गति से बढोतरी दर्ज की गयी है. हम कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए कई नीतियां और कार्यक्रम लाये. मनरेगा भी उनमें से एक है.
मनमोहन सिंह ने कहा कि किसान देश के महत्वपूर्ण घटक हैं. यूपीए सरकार उन्हें लेकर चिन्तित है हालांकि हमने उन्हें अधिकतम समर्थन मूल्य दिया है. गेहूं और चावल के खरीद मूल्य भी यूपीए शासन में इतने बढे कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.
कृषि हमारी प्राथमिकता थी और आगे भी बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि किसानों को हरसंभव सहायता जारी रहेगी. 2008-09 में सूखे के बावजूद इस बार कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर काफी अधिक रहने का अनुमान है. भंडारण के क्षेत्र में हमने निजी क्षेत्र को आमंत्रित कर अतिरिक्त क्षमता का सृजन किया गया है.
महिला हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री ने सभी वर्गों से निवेदन किया कि वे एक आवाज में बोलें कि इस संबंध में विधेयक आता है तो पारित कराएंगे ताकि उसका तेजी से कार्यान्वयन किया जा सके. उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में कई उपाय किये गये हैं. वर्मा समिति की सिफारिशें आने के बाद सरकार अध्यादेश लायी.