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बाबरी केस: PM ने की मंत्रियों संग बैठक, आडवाणी से मिले जोशी

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ ही घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की.

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आडवाणी, जोशी, उमा मुश्‍िकल में
आडवाणी, जोशी, उमा मुश्‍िकल में

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बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ ही घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की. शाम को बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की.

जोशी और आडवाणी आदेश की कॉपी मिलने के बाद केस में अपने वक़ील वेणुगोपाल से चर्चा करने बाद ही अपने अगले क़दम फ़ैसला लेंगे.

सूत्रों के मुताबिक पीएम के साथ बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू आदि ने हिस्सा लिया. समझा जाता है कि बैठक में देश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई.

किसी को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं

बीजेपी सूत्रों के अनुसार पार्टी का इस बारे में साफ मानना है कि किसी को भी इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है. इस बारे में कानून अपना काम करेगा. जो लोग भी आरोपी हैं वे कानून के मुताबिक मुकदमे का सामना करेंगे और जब कोई आदेश आ जाएगा, उसके बाद ही पार्टी आगे कोई निर्णय लेगी.

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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के शीर्ष नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती आदि के खिलाफ लगे आपराधिक साजिश के आरोपों को बहाल करने की सीबीआई की याचिका को बुधवार को स्वीकार कर लिया है जिससे वर्ष 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में इन्हें अदालती कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा.

शीर्ष अदालत ने मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है. हालांकि, इनमें से तीन का निधन हो चुका है तो अब 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलेगा. अदालत ने दो साल के अंदर सुनवाई पूरी करने समेत कई बड़े फैसले किए हैं. जस्ट‍िस पीसी घोष और जस्ट‍िस रोहिंटन नरीमन की संयुक्त पीठ ने मामले में सीबीआई की अपील पर यह फैसला सुनाया है. हालांकि कोर्ट ने मामले में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को राहत दी है.

इस साल जुलाई में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है. कयास लगाया जा रहा था कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी इस पद के लिए प्रबल दावेदार हैं. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने इन दोनों दावेदारों को लगभग दौड़ से बाहर कर दिया है. राजनीतिक हल्कों में माना जा रहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जोशी की दावेदारी पर विचार कर रही है और जल्द ही इस नाम पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर ली जाएगी. गौरतलब है कि 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद देश भर में दंगे शुरू हो गए थे और इसके चलते यूपी की कल्याण सिंह की सरकार गिर गई थी.

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