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CIC सम्मेलन में बोले पीएम मोदी- डिजीटल इंडिया का सपना RTI का पूरक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी विभागों से कहा है कि वे आरटीआई आवेदनों के जवाब देते हुए तीन ‘टी’- टाईमलीनेस (समयबद्धता), ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता) और ट्रबल-फ्री अप्रोच (सरल पद्धति) को ध्यान में रखें क्योंकि इससे शासन में गलतियों को कम करने में मदद मिलेगी.

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CIC सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
CIC सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी विभागों से कहा है कि वे आरटीआई आवेदनों के जवाब देते हुए तीन ‘टी’- टाईमलीनेस (समयबद्धता), ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता) और ट्रबल-फ्री अप्रोच (सरल पद्धति) को ध्यान में रखें क्योंकि इससे शासन में गलतियों को कम करने में मदद मिलेगी.

शुक्रवार को केंद्रीय सूचना आयोग की 10वीं वषर्गांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि शासन में और ज्यादा खुलापन होने से नागरिकों को मदद मिलेगी क्योंकि आज के दौर में गोपनीयता की कोई जरूरत नहीं है.

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समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आरटीआई के जवाब समयबद्ध, पारदर्शी और सरल पद्धति वाले होने चाहिए. इससे गलतियों की आशंका कम करने में मदद मिलेगी.’ अरूणा रॉय समेत प्रमुख आरटीआई कार्यकर्ताओं ने इस समारोह का बहिष्कार किया था क्योंकि अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कुछ ही कार्यकर्ताओं को इसमें आमंत्रित किया था.

PM मोदी ने कहा कि सूचना का अधिकार सिर्फ जानने के अधिकार के बारे में नहीं है, यह सवाल पूछने के अधिकार के बारे में भी है क्योंकि इससे लोकतंत्र में विश्वास बढ़ेगा.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लोगों के पास सरकार से सवाल पूछने का अधिकार होना चाहिए. यह लोकतंत्र की नींव है, इससे लोकतंत्र में विश्वास बढ़ेगा. जब चीजें ऑनलाइन हो जाती हैं तो पारदर्शिता स्वत: ही बढ़ जाती है. विश्वास भी बढ़ता है.’ उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार कानून का उद्देश्य शासन व्यवस्था में एक सकारात्मक बदलाव लाना है.

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