प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में जम्मू कश्मीर की दुश्वारियों की चर्चा की, तो भविष्य के लिए योजनाओं का रोडमैप भी पेश किया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों की दुखती रग पर भी हाथ रखा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलिस कर्मियों और सरकारी कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की अपेक्षा बहुत कम सुविधाएं मिलती हैं.उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलिसकर्मियों और सरकारी कर्मचारियों को भी केंद्र के कर्मचारियों की तर्ज पर वेतन और अन्य सुविधाएं प्राप्त करने का अधिकार है. उन्हें केंद्रीय कर्मचारियों जैसी वेतन सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
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पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में कोई भी सरकार हो, वह देश की भलाई के लिए संसद में कानून बनाती है. उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 और 35ए का उपयोग पाकिस्तान की ओर से देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए एक शस्त्र की तरह उपयोग किया जा रहा था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिकल 370 और 35ए ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया. उन्होंने कहा कि समाज और जीवन में कुछ बातें समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन्हें स्थाई मान लिया जाता है. अनुच्छेद 370 के साथ भी ऐसा ही भाव था.
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पीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए के कारण हमारे भाई-बहनों की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने, पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे, जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो हम सबके प्रयासों से अब दूर हो गई है.