नोटबंदी की लड़ाई संसद से लेकर सड़क तक लड़ी जा रही है. संसद खत्म होने के बाद अब नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दोनों नोटबंदी के मुद्दे को लेकर यूपी में जनता के पास जा रहे हैं.
19 दिसंबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर में जनता को नोटबंदी के फायदे समझा रहे होंगे और यह बता रहे होंगे कि बैंक की लाइन में खड़े होने की तकलीफ के बदले उन्हें एक साफ-सुथरा देश मिलेगा, तो राहुल गांधी पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर में रैली करके लोगों को बताएंगे कि नोटबंदी और कुछ नहीं सिर्फ मोदी की तानाशाही है.
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लोगों को समझाने में जुटे बीजेपी नेता
जैसे-जैसे नोटबंदी को लेकर लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है, बीजेपी के नेता जी-जान से इस बात में जुटे गए हैं कि कम से कम चुनाव वाले राज्यों में लोगों को समझाया जाए कि लाइन में खड़ा होकर वह देश को काला धन से लड़ने में मदद कर रहे हैं.
बहराइच में मोदी को टक्कर देंगे राहुल
वहीं 27 साल से यूपी में सत्ता को तरस रही कांग्रेस पार्टी नोटबंदी को लेकर लोगों के गुस्से में अपने लिए मौका देख रही है. जौनपुर में राहुल गांधी की खाट सभा सफल रही थी इसलिए अब वह वहां पर जाकर रैली कर रहे हैं. जौनपुर के बाद राहुल गांधी 22 दिसंबर को बहराइच में रैली करेंगे. यहां भी एक तरह से उनका मुकाबला नरेंद्र मोदी से होगा क्योंकि मोदी ने यहां 11 दिसंबर को रैली रखी थी लेकिन खराब मौसम के कारण वह यहां नहीं आ सके और बाद में दिल्ली से ही फोन पर रैली में बैठे लोगों को संबोधित किया.
कानपुर में होंगे पीएम मोदी
सोमवार को मोदी कानपुर में जाकर नोटबंदी से हो रही तकलीफों पर मरहम लगाने की कोशिश करेंगे. कानपुर यूपी के उन शहरों में से है जो सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार देता है. नोटबंदी के बाद से यहां तमाम उद्योगों में काम करने वाले लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट आ गया है.
बहराइच में राहुल तो बनारस में होंगे मोदी
22 दिसंबर को राहुल गांधी बहराइच में होंगे तो नरेंद्र मोदी अपने चुनाव क्षेत्र बनारस में होंगे. बनारस में उनकी रैली पर सबकी नजरें होंगी. राहुल और मोदी के राज्यों के इस मुकाबले में लोग यह भी देखना चाहेंगे कि राहुल गांधी ने संसद में मोदी के खिलाफ भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाए थे, क्या वो इस पर भी कुछ खुलासा करते हैं.