प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां देश की 65 फीसदी युवा आबादी को अपने साथ जोड़कर आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में नए भारत का खाका बना रहे हैं, वहीं उनकी पार्टी के सांसद उसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. पीएम मोदी ने सांसदों को 'होमवर्क' दिया था, जिसे उन्होंने अब तक पूरा नहीं किया. इससे नाराज पीएम ने सभी को अल्टीमेटम दे दिया है.
सांसदों ने नहीं भेजे न्यू टैलेंट के नाम
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने 'न्यू टैलेंट' की खोज शुरू की और सभी सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र से 20 से 30 साल तक की उम्र के पांच-पांच ऐसे युवाओं के नाम देने को कहा था, जो किसी क्षेत्र-विषय में एक्सपर्ट हो. इन युवाओं का इस्तेमाल मोदी सरकार की उपलब्धियों के अलावा देश-विदेश में युवा प्रतिनिधमंडल भेजने और सरकार की नीतियों के बनाने में सलाहकार के तौर पर करना चाहती है. लेकिन इस मामले में सांसदों की लेटलतीफी से मोदी नाराज हैं, क्योंकि अभी तक सभी सांसदों ने अपने इलाके से न्यू टैलेंट के नाम नहीं भेजे हैं.
26 नवंबर तक का अल्टीमेटम
लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर भाजपा के मौजूदा 334 सांसदों को लिखित में कड़ा निर्देश जारी किया गया है कि रविवार यानी 26 नवंबर तक अपने संसदीय क्षेत्र से पांच-पांच युवाओं के नाम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव के दिल्ली स्थित आवास या फिर उनके ई-मेल पर भेज दे. भाजपा की ओर से जारी निर्देश में लिखा गया है, 'ऐसा ज्ञात हुआ है कि बहुत सारे सांसदों ने अभी तक नाम नहीं दिए हैं, इसलिए प्रधानमंत्री जी के पुन: निर्देश के अनुसार सभी सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के 5 ऊर्जावान, सक्रिय, किसी भी क्षेत्र के विशेषज्ञ और शिक्षित कार्यकर्ताओं के नाम बायोडाटा के साथ भेजें.' लेकिन इन सभी कार्यकर्ताओं की उम्र 20 से 30 साल के बीच होना अनिवार्य किया गया है.
क्या है न्यू टैलेंट हंट का मकसद
केंद्र की राजनीति में लंबी पारी खेलने के मकसद से प्रधानमंत्री मोदी का जोर पूरी तरह से युवा पीढ़ी पर है. मोदी की रणनीति इस टैलेंट हंट से सिर्फ 20-30 साल की उम्र के करीब 2,000 ऐसे युवाओं की फौज खड़ी करना है. ये युवा पूरी तरह से भाजपा और संघ की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध हों, लेकिन कृषि, आइटी, रक्षा, अर्थव्यवस्था जैसे अलग-अलग मामलों का जानकार हों.
इन युवाओं को भाजपा मोदी सरकार की नीतियों-उपलब्धियों पर लोगों को समझाने और अपना पक्ष तार्किक ढंग से रखने के लिए तैयार करेगी. इन युवाओं को आगामी विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए भी मीडिया और अन्य फोरम से उतारने की भी योजना है. इन युवाओं को देश-विदेश में युवा प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के तौर पर भेजने का इरादा है, सरकार की नीतियों को बनाते वक्त उनसे सलाह भी ली जाएगी.
सांसदों की ओर से अपने क्षेत्र के युवाओं के नाम भेजने के बाद उसकी पड़ताल की जाएगी और विशेषज्ञता के लिहाज से उसे वर्गीकृत किया जाएगा. फिर अंतिम लिस्ट प्रधानमंत्री मोदी को भेजी जाएगी, जिसके बाद पीएमओ में यह तय होगा कि इन युवाओं को किस तरह से जिम्मेदारी सौंपनी है.