प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ ऑपरेशन 'क्लीन मनी' की समीक्षा की है. सरकारी सूत्रों के अनुसार इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से कहा है कि बेनामी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाए.
पीएम ने कहा कि ई-असेसमेंट व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए ताकि मानवीय दखल कम से कम हो और एसेसमेंट कंप्यूटराइज्ड तरीके से लागू हो.पीएम ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को टैक्स के दायरे में लाया जाना चाहिए ताकि टैक्स आधार बढ़ाया जा सके.
गौरतलब है कि पिछले साल नोटबंदी के बोल्ड फैसले के बाद सरकार ने काले धन पर चोट करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू की. सरकार ने बेनामी संपत्तियों और महंगी प्रॉपर्टी पर खास नजर रखते हुए जांच शुरू की.
कॉमर्शियल फ्लैटों, दुकानों की जांच काले धन के खिलाफ इस बड़ी कार्रवाई के तहत देश के सभी प्रमुख शहरों के हाईवे के पास की जमीनों की जांच शुरू की गई. इसके अलावा देश के प्रमुख शहरों के वीआईपी इलाकों में मौजूद जायदादों की जांच भी की गई. प्रमुख औद्योगिक प्लॉटों और कॉमर्शियल फ्लैटों, दुकानों की जांच की गई.जांच एजेंसियों ने काले धन का पता लगाने के लिए ये पता करने की कोशिश की कि दुकानें और प्लॉट, बड़े बंगले और औद्योगिक प्लॉट किसके लिए. जांच के दौरान पता चला कि दिल्ली के लुटियन जोन में भी कुछ बंगलों का वास्तविक मालिक कोई और है. जांच के दायरे में रिश्वत और भ्रष्टाचार की रकमों से खरीदे गए कुछ बंगले हैं.
आयकर विभाग की 200 टीमें जुटीं
सरकार ने तमाम विभागों से सरकारी जमीनों का भी ब्यौरा मांगा है. इसके तहत पता लगाया जा रहा है कि कहां-कहां कब्जे हैं लिस्ट तैयार की जा रही है. आयकर विभाग और अन्य विभागों की मदद से इन सब प्रॉपर्टीज का वेरीफिकेशन किया जा
रहा है. दो सौ से ज्यादा टीमें इन जगहों का सत्यापन कर रही हैं.
बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट 2016 के तहत होगी कार्रवाई
तथ्य जुटाने के बाद इन मामलों में सरकार कार्रवाई करेगी. इन मामलों में दोषी पाए जाने पर बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट 2016 के तहत कार्रवाई होगी. ये एक्ट एक नवबंर से लागू किया जा चुका है. इसके तहत बेनामी संपत्ति जब्त की जा सकती है
और सात साल की सज़ा का भी प्रावधान है.
क्या है ऑपरेशन क्लीन
'ऑपरेशन क्लीन मनी' तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्स रिटर्न भरने वाले लोगों के ऐसे खातों की जांच में जुटा है जिनमें 2 लाख रुपये से ज्यादा जमा हुए हैं. साल 2017-18 के लिए जारी किए गए रिटर्न फॉर्म में इस बाबत एक नए कॉलम का
प्रावधान है. इस कॉलम में दी गई जानकारी को बैंकों और दूसरी वित्तीय संस्थाओं से मिले डाटा से मिलाया जा रहा है.