पाकिस्तान और सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर लगातार होती राजनीति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को कड़ा संदेश दिया है. पीएम ने इस मसले पर अपने मंत्रियों को चुप रहने की हिदायत दी है.
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने साफ निर्देश दिए हैं कि पाकिस्तान और सर्जिकल स्ट्राइक पर सभी अधिकृत मंत्री और सेना ही बोले. हर किसी को इस पर बयानबाजी करने से रोका गया है.
सर्जिकल स्ट्राइक पर जमकर बयानबाजी और राजनीति हो रही है. यहां तक कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने इसे फर्जी बताया तो केजरीवाल ने इसके सबूत मांग लिए. इस तरह की बातों पर सरकार ने अभी तक फैसला नहीं लिया है कि वो इस ऑपरेशन का वीडियो जारी करे या नहीं. सरकार के अनुसार, डीजीएमओ के बयान पर भरोसा किया जाना चाहिए. सूत्रों से पता चला है कि सरकार इस ऑपरेशन पर हो रही राजनीति में नहीं पड़ना चाहती. सरकार का मानना है कि इस मसले पर हो रही राजनीति के कारण उसको लाइन ऑफ कंट्रोल के पार सेना के ऑपरेशन के किसी को कोई सुबूत देने की जरूरत नहीं है.
सर्जिकल स्ट्राइक की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) के साथ बैठक की. सूत्रों के मुताबिक, पाक अधिकृत कश्मीर भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पहले से रक्षा मंत्रालय के पास हैं. बुधवार की मीटिंग में इस बात पर चर्चा हुई कि इन सबूतों को सार्वजनिक किया जाए या नहीं.
सेना ने रक्षा मंत्रालय को सौंपे वीडियो
सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो जारी करने है या नहीं, इस पर सीसीएस मीटिंग में फैसला नहीं हो पाया. सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत और वीडियो रक्षा मंत्रालय को सौंप दिए थे और इस पर अंतिम फैसला अब प्रधानमंत्री मोदी और कैबिनेट को लेना है कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत सार्वजनिक किए जाएं या नहीं.