भारत में रोजगार विहीन विकास की खबरों से चिंतित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों से अपने मंत्रालय से स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सभी मंत्रालयों से नए रोजगार अवसर पैदा करने के लिए शुरू योजनाओं का विवरण मांगा है. पीएमओ से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय से अपनी रिपोर्ट में रोजगार पैदा करने या कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) के लिए शुरू की योजनाओं की संख्या और उनका मौजूदा हाल बताने को कहा है.
दरअसल पीएम मोदी ने चुनावी अभियानों के दौरान सालाना एक करोड़ नए रोजगार देने का वायदा किया था, लेकिन सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर जारी प्रोग्रेस रिपोर्ट में जो बातें सामने आईं, वह चिंताजनक है.
श्रम मंत्रालय के पांचवें सालाना रोजगार-बेरोजगार सर्वेक्षण (2015-16) रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य प्रिंसिपल स्टेटस के आधार पर बेरोजगारी दर 5% रही. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2015 में 1.55 और और वर्ष 2016 में 2.13 लाख नए रोजगार सृजित हुए. यानी मोदी सरकार के दो वर्षों में कुल 3.86 लाख रोजगार ही पैदा हुए हैं, जो कि पिछले 8 साल में सबसे कम था.
इधर नोटबंदी की वजह से भी कई लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. वहीं कुछ जानकार यह भी आशंका जताते रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में संकुचन की वजह से आगे और भी लोगों की नौकरी छिन सकती है.