तीन राज्य में करारी हार के बाद गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक हुई. संसद भवन के लाइब्रेरी भवन में हुई इस बैठक में हार पर कोई चर्चा नहीं हुई है. संसदीय दल की बैठक में सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अनंत कुमार को श्रद्धांजलि दी गई.
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी हार पर कोई बात नहीं रखी. बताया जा रहा है कि इस बैठक में चुनाव में मिली हार पर कोई चर्चा नहीं हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत तमाम सांसद बैठक में मौजूद रहे.
Delhi: Prime Minister Narendra Modi, BJP President Amit Shah, senior BJP leader Lal Krishna Advani arrive for BJP Parliamentary Party meeting pic.twitter.com/jkldlANKTs
— ANI (@ANI) December 13, 2018
Delhi: Union Agriculture Minister Radha Mohan Singh, Union Minister of State for External Affairs VK Singh, arrive for BJP Parliamentary Party meeting pic.twitter.com/hMZR3ZkeVN
— ANI (@ANI) December 13, 2018
बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई ये अभी सामने नहीं आया है. लेकिन सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सांसदों को कोई संदेश दिया.
Delhi: #Visuals of BJP Parliamentary party meeting from Parliament library building. PM Narendra Modi, BJP Chief Amit Shah, Union Ministers Sushma Swaraj, Prakash Javadekar, Kiren Rijiju,Ravi Shankar Prasad,senior BJP leader Lal Krishna Advani, among others present in the meeting pic.twitter.com/eDqn1SVyha
— ANI (@ANI) December 13, 2018
बीजेपी को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा है, जहां वह सत्ता में थी. तेलंगाना में मजबूत ताकत के रूप में उभरने के बीजेपी के प्रयासों को भी परिणामों से झटका लगा है, जहां उसे एक सीट से संतोष करना पड़ा, पहले वहां पार्टी की पांच सीटें थीं. मिजोरम में बीजेपी को एक सीट पर जीत मिली है.
अमित शाह तय करेंगे रणनीति
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है. इसमें सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महासचिवों को बुलाया गया है. इस बैठक में जनवरी के दूसरे हफ़्ते में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के एजेंडे को लेकर चर्चा होगी. विधानसभा चुनाव में मिली हार और 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कैसे संगठन को तैयार करना है, स्थानीय मुद्दों पर पार्टी की रणनीति कैसे बनाई जाए इस पर चर्चा होगी.
केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं को जल्द से जल्द जमीन पर पहुंचाया जाए इस पर भी चर्चा होगी. बीजेपी शासित राज्यों में सरकार और पार्टी के बीच समन्वय को कैसे बेहतर किया जाए इस पर भी जोर दिया जाएगा. बीजेपी शासित राज्यों में रिक्त सरकारी और राजनीतिक पदों पर पार्टी नेताओं की नियुक्तियां जल्द हों, इस पर भी विचार विमर्श किए जाने की संभावना है.