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मोदी ने फिर निभाई 'परंपरा', कैबिनेट में फेरबदल के बाद रवाना हुए विदेश

मोदी कैबिनेट में पहला फेरबदल 9 नवंबर 2014 को हुआ था. इससे बाद भी पीएम मोदी 10 दिन के म्यांमार दौरे पर निकल गए थे. इसके बाद 5 जुलाई 2016 को हुए दूसरे कैबिनेट फेरबदल के बाद भी वो 4 अफ्रीकी देशों की यात्रा पर 6 दिन के लिए निकल गए थे. और अब भी वो 5 दिन के चीन और म्यांमार की यात्रा पर निकल गए हैं.

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पीएम मोदी
पीएम मोदी

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रविवार को मोदी कैबिनेट का विस्तार हुआ. कुल 13 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की. मोदी कैबिनेट का ये तीसरा फेदबदल था. इससे पहले नवंबर, 2014 और जुलाई, 2016 को कैबिनेट फेरबदल हुआ था. शपथ ग्रहण के बाद पीएम मोदी चीन और म्यांमार दौरे पर रवाना हो गए. ऐसा पहली बार नहीं है कि पीएम मोदी कैबिनेट फेरबदल के बाद विदेश गए हों. इससे पहले हुए दोनों कैबिनेट फेरबदल के बाद भी वो विदेश दौरे पर गए थे.

इस मैप से जानिए पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी किस-किस देश का दौरा कर चुके हैं.

मोदी कैबिनेट में पहला फेरबदल 9 नवंबर 2014 को हुआ था. इससे बाद भी पीएम मोदी 10 दिन के म्यांमार दौरे पर निकल गए थे. इसके बाद 5 जुलाई 2016 को हुए दूसरे कैबिनेट फेरबदल के बाद भी वो 4 अफ्रीकी देशों की यात्रा पर 6 दिन के लिए निकल गए थे. और अब भी वो 5 दिन के चीन और म्यांमार की यात्रा पर निकल गए हैं.

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मोदी नौवें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए तीन से पांच सितंबर तक चीन के शिएमेन और फुजियान प्रांत के दौरे पर होंगे. पीएम म्यांमार के राष्ट्रपति यू हटिन क्याव के निमंत्रण पर पांच से सात सितंबर तक म्यांमार के दौरे पर होंगे. यह मोदी की पहली द्विपक्षीय म्यांमार यात्रा होगी.

यही नहीं, पीएम मोदी नोटबंदी जैसे बड़े आर्थिक फैसले लेने के तुरंत बाद विदेश रवाना हो गए थे. बता दें, 8 नवंबर 2016 को शाम 8 बजे पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए नोटबंदी का ऐलान किया था और फिर विदेश रवाना हो गए.

दोनों देशों के लिए अहम है म्‍यांमार

म्‍यांमार को भारत के लिए दक्षिण-पूर्वी एशिया का प्रवेश द्वार माना जाता है. चीन के लिए भी यह रणनीतिक अहमियत रखता है. ऐसे में भारत ही नहीं, बल्कि चीन भी यहां अपना दायरा बढ़ाने में जुटा हुआ है. म्‍यांमार चीन की वन बेल्‍ट वन रोड़ परियोजना का एक अहम पड़ाव है. ऐसे में दोनों देश चाहेंगे कि म्‍यांमार उनके साथ खड़ा हो. मौजूदा समय में जिस तरह के हालात पैदा हुए हैं, उनसे तो यही लगता है कि एक बार फिर भारत और चीन आमने सामने आ सकते हैं.

 

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