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दावोस में पीएम मोदी का संबोधन स्वतंत्रता दिवस पर उनके पहले भाषण की याद दिलाएगा!

जानकारों का मानना है कि दावोस में मंगलवार को पीएम मोदी का संबोधन साल 2014 के स्वतंत्रता दिवस के उनके पहले भाषण जैसा हो सकता है.

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पीएम मोदी
पीएम मोदी

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वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) 2018 के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन में उनके प्रमुख कार्यक्रमों से एक मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना शामिल हो सकता है. जानकारों का मानना है कि दावोस में मंगलवार को पीएम मोदी का संबोधन साल 2014 के स्वतंत्रता दिवस के उनके पहले भाषण जैसा हो सकता है. वह भारत के प्रमुख आर्थिक सुधारों और कारोबारी सुगमता की रैकिंग में उछाल से ग्लोबल आर्थिक दिग्गजों को प्रभावित करने और उन्हें भारत आकर 'मेक इन इंडिया' में शामिल होने के लिए पूरा जोर लगाएंगे.

गौरतलब है कि दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में दुनिया की दिग्गज कंपनियों के 200 से ज्यादा सीईओ, 70 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 45 मुखिया शिरकत कर रहे हैं. इस वैश्व‍िक मंच पर दुनिया के कारोबार और राजनीति जगत के दिग्गज प्रमुख आर्थिक मसलों पर चर्चा करते हैं. पीएम मोदी का इस दिग्गज आर्थिक मंच पर पहला भाषण होगा. पीएम मोदी के साथ अब तक का सबसे बड़ा 100 से ज्यादा सदस्यों का भारतीय प्रतिनिधिमंडल गया है. अपने भाषण से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है, 'दावोस में मैं भारत के भविष्य में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ जुड़ाव पर अपने विजन को साझा करना चाहूंगा.'

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साल 2014 में कार्यभार ग्रहण करने के तत्काल बाद ही पीएम मोदी ने भारत को दुनिया का अगला मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की बात कही थी. कुछ दिनों बाद ही उन्होंने मेक इन इंडिया कार्यक्रम की घोषणा की थी.

साल 2014 में स्वतंत्रता दिवस के अपने पहले भाषण में पीएम मोदी ने दुनिया भर की कंपनियों से आह्वान किया था कि वे 'भारत आकर मैन्युफैक्चरिंग करें.' इस भाषण में उन्होंने कहा था, 'दुनिया के किसी भी देश में आप सामान बेचें, लेकिन उसे यहां बनाएं. हमारे पास कौशल, प्रतिभा, अनुशासन और कुछ करने की दृढ़ता है. हम दुनिया को यहां आने के लिए अनुकूल अवसर देना चाहते हैं. यहां आएं, मेक इन इंडिया करें. यहां आएं और इलेक्ट्र‍िकल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक, ऑटोमोबाइल्स से लेकर एग्रो वैल्यू एडिशन तक, पेपर से लेकर प्लास्टिक तक, सैटेलाइट से लेकर पनडुब्बी तक कुछ भी भारत में बनाएं.'

अब दावोस में एक बड़ा मौका है, जब पीएम मोदी फिर अपना यह एजेंडा दुनिया के कारोबारी दिग्गजों के सामने रख सकते हैं. पीएम मोदी के सामने यह मौका है कि वे फिर से एक बार दुनिया की दिग्गज कंपनियों को भारत आने का न्यौता दें, उन्हें यहां के बदले कारोबारी माहौल, बदली सरकारी नीतियों के बारे में प्रभावित करें और भारत आकर मैन्युफैक्चरिंग यानी मेक इन इंडिया के लिए प्रेरित करें.'

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