कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्विट्जरलैंड से लौटे पीएम नरेंद्र मोदी का मजेदार अंदाज में स्वागत किया है. पीएम मोदी स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भाग लेकर भारत लौटे हैं.
मोदी ने दावोस में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ, व्यापारियों और कई देशों के नेताओं को संबोधित किया था. उनके भाषण की चारों ओर चर्चा है और चीन ने भी इस भाषण की तारीफ की है, लेकिन राहुल गांधी का मोदी पर जुबानी हमला जारी है.
राहुल ने पीएम मोदी से पूछा है कि दावोस से वह कितना 'काला धन' लेकर लौटे हैं. आपको बता दें कि मोदी ने 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने से पहले 'काले धन' को लेकर पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर कई हमले किए थे. टैक्स बचाने के लिए विदेशों में रखे पैसे को 'काला धन' कहा जाता है. इस पैसे को रखने की सबसे पसंदीदा जगहों में से स्विट्जरलैंड का नाम सबसे आगे है. इसकी वजह यह है कि स्विट्जरलैंड के कई बैंक पैसा जमा करने वालों की गोपनीयता बरकरार रखते हैं.
राहुल ने अपने ताजा ट्वीट में मोदी से कहा है- 'डियर पीएम, स्विट्जरलैंड से वापसी पर आपका स्वागत है. आपको 'काले धन' पर किए आपके वादे की याद दिला दूं. भारत में कई युवा इंतजार कर रहे थे कि आप अपने विमान में कितना काला धन वापस लाए?'
Dear PM,
Welcome back from SWITZERLAND.
Quick reminder about your promise on BLACK MONEY.
Youth in India were wondering if you got any back with you in your plane?
— Office of RG (@OfficeOfRG) January 24, 2018
आपको बता दें कि केंद्र में सत्तारूढ़ होने से पहले 2014 में बीजेपी नेताओं ने अपने चुनाव प्रचार में कहा था कि अगर विदेशों में रखा 'काला धन' भारत आ जाए तो हर भारतीय के खाते में 15-15 लाख रुपए आ सकते हैं. पार्टी के कई नेताओं ने यह भी कहा था कि एनडीए की सरकार आने पर 'काले धन' को वापस लाया जाएगा. हालांकि, सत्ता में आने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कह दिया था कि 15 लाख रुपए वाली बात महज चुनावी जुमला थी.
इससे पहले, राहुल गांधी ने पीएम के वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में जाने पर भी चुटकी ली थी. उन्होंने कहा था कि पीएम साहब, स्विट्जरलैंड पहुंचने पर आपका स्वागत है. कृपया दावोस को बताइएगा कि भारत में केवल 1 फीसदी लोगों के पास देश की 73 फीसदी संपदा क्यों है?
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल ने ऑक्सफैम सर्वे की सालाना रिपोर्ट का हवाला देकर यह सवाल पूछा था. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि देश के 67 करोड़ लोगों की आय में पिछले एक साल में केवल 1 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी.