7 आरसीआर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए गुरुवार को चार केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक की. बैठक में महंगाई पर काबू पाने, खाद्य सुरक्षा कानून, खाद्य पदार्थों की कीमत और कमजोर मॉनसून व सूखे के प्रभाव को लेकर चर्चा हुई.
पीएम मोदी के सरकारी आवास पर हुई बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, उपभोक्ता मामलों एवं खाद्य सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान और कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह मौजूद थे. इसके अलावा बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधान सचिव और एडिश्नल सचिव भी शामिल थे.
बैठक के बाद खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने मीडिया से बात की. उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा कानून जिन राज्यों में लागू नहीं हुआ है, उन्हें आने वाले तीन महीने में इस अहम कानून को लागू करने के लिए कहा जाएगा.
उन्होंने बताया, 'यह कानून 5 जुलाई 2013 से लागू है. सितंबर में इस संबंध में अध्यादेश जारी हुआ था. सभी राज्य सरकारों से कहा गया था कि वे 365 दिन के भीतर इसको लागू कर दें. अब तक सिर्फ हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र ही इसे पूरी तरह लागू कर पाए हैं. वहीं, दिल्ली, हिमाचल, कर्नाटक, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश और बिहार में अभी यह आंशिक रूप से लागू है.'
पासवान ने बताया कि यह बैठक इसी बारे में थी. इस अवधि को अब तीन महीना और बढ़ाने का फैसला किया गया है. इसी समय में राज्य सरकारों से इसे लागू करने को कहा जाएगा. देश के सभी सीएम को चिट्ठी लिखकर इस बारे में आग्रह किया गया. खाद्य मंत्री ने बताया कि इसे लागू करने पर 60-80 लाख टन अनाज अतिरिक्त देना होगा और सब्सिडी का भार 25 हजार करोड़ बढ़ जाएगा. इस तरह कुल सब्सिडी 1 लाख 31 हजार की हो जाएगी.
ढाई घंटे चली बैठक के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि 7 जुलाई के बाद मानसून तेज होगा और अल-नीनो का प्रभाव कम होगा. सरकार ने आलू पर 450 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लागू कर दिया है. कृषि मंत्री ने 500 जिलों के लिए आपात प्लान बनाया है. मोदी ने कृषि में बिजली और बीज मुहैया कराने की बात पर जोर दिया. साथ ही राज्य सरकारों को कहा गया है कि महंगाई रोकने के लिए स्पेशल अदालत लगाकर जमाखोरों और कालाबाजारियों पर कार्यवाही करे. मौसम विभाग ने प्रधानमंत्री को बताया है कि मानसून में देरी हो रही है. बारिश में जुलाई और अगस्त में सुधार की संभावना है.
यूपीए सरकार की बेकाबू महंगाई को मुद्दा बनाकर पीएम बने नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद संकेत दिया था कि अच्छे दिनों के लिए कड़वी दवा पीनी जरूरी है. उनके इस बयान के बाद रेलवे ने यात्री किराया और माला भाड़ा बढ़ा दिया. आयात शुल्क बढ़ने से चीनी के दाम भी बढ़ गए. हालांकि बढ़ते विरोध के बाद गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव सरकार ने फिलहाल टाल दिया है.
खाद्य सुरक्षा पर सभी राज्यों को पांच जुलाई तक लिस्ट सौंपनी थी, लेकिन अब तक सिर्फ 11 राज्यों ने लाभार्थियों की सूची सौंपी है. इससे पहले भी मोदी सरकार महंगाई काबू करने को लेकर बैठक कर चुकी है जिसके बाद सरकार ने साफ कर दिया था कि जमाखोरों पर सख्त कार्रवाई होगी.