संकटग्रस्त यमन की राजधानी सना से सोमवार को एयर इंडिया के विमान से 574 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बचाव प्रयास में शामिल गैर रक्षा एवं रक्षा अधिकारियों तथा संगठनों के प्रयासों की प्रशंसा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट किया, 'प्रयासों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. सना से सोमवार को सबसे ज्यादा संख्या में लोगों को बाहर निकाला गया. आज 574 लोगों को सना से जिबूती पहुंचाया गया.'
भारत अपने तीन हजार से अधिक नागरिकों को हवाई तथा समुद्री मार्ग से बाहर निकाल चुका है. संकटग्रस्त यमन से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिए बांग्लादेश, फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका तथा श्रीलंका सहित 23 देशों ने भारत से अनुरोध किया है. मोदी ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'यमन से अपने लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हम अपने गैर रक्षा एवं रक्षा अधिकारियों तथा संगठनों की सेवाओं का नमन करते हैं.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'विभिन्न संगठनों जैसे विदेश मंत्रालय, नौसेना, वायुसेना, एयर इंडिया, जहाजरानी, रेलवे तथा राज्य सरकारों के बीच सहज सहयोग से बचाव अभियान में बेहद मदद मिली.' उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह की भी उनके प्रयासों के लिए तारीफ की.
उन्होंने कहा, 'उन्होंने अनुकरणीय तरीके से समन्वित निकासी का प्रयास किया है. इस बात से भी हमें खुशी है कि हम कई गैर भारतीय लोगों को भी यमन से बाहर निकालने में सफल हुए हैं. संकटग्रस्त यमन में फंसे अपने लोगों को निकालने का प्रयास भारतवासियों की सेवा तथा संकट में फंसे अन्य लोगों की मदद की तत्परता को दर्शाता है, जो भारत का चरित्र है.'
सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, 'भारत से 23 देशों ने यमन से अपने नागरिकों को बाहर
निकालने के लिए अनुरोध किया है.' सुषमा ने रविवार को ट्वीट किया था कि भारत अपने सभी नागरिकों को यमन से बाहर निकाल लेगा. यात्रा दस्तावेजों के चलते किसी
को वहां नहीं छोड़ा जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिणी यमन के शहर अदन से सभी भारतीय नागरिकों को बाहर निकाल लिया गया है. उन्होंने कहा, 'अदन से सभी
भारतीय बाहर निकाले गए. भारतीय नौसेना को धन्यवाद.'
इनपुट:IANS