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सोलर एलायंस सेक्रेट्रिएट का उद्घाटन, पीएम मोदी बोले- 122 देशों को साथ लाने की बड़ी पहल

तीन दिन की यात्रा पर भारत आए फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और नरेंद्र मोदी के बीच सोमवार को हाई लेवल मीटिंग के दौरान 36 लड़ाकू विमानों की खरीद पर दोनों देशों के बीच डील फाइनल हो गई. इस पर MoU भी साइन हो गया है. इसके बाद ओलांद और पीएम मोदी मेट्रो से गुड़गांव के ग्वालपहाड़ी पहुंचे. यहां ओलांद ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस के सेक्रेट्रिएट का उद्घाटन किया.

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गुड़गांव में इंटरनेशनल सोलर एलायंस सेक्रेट्रिएट का उद्घाटन करते मोदी-ओलांद
गुड़गांव में इंटरनेशनल सोलर एलायंस सेक्रेट्रिएट का उद्घाटन करते मोदी-ओलांद

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पर्यावरण के प्रति अधिकारों और जिम्मेदारियों के बीच संतुलन की पैरवी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने सोमवार को ‘इंटरनेशनल सोलर अलायंस’ (आईएसए) के अंतरिम सचिवालय का उद्घाटन किया और इसे एक ‘नये अध्याय’ की संज्ञा दी. आईएसए का लक्ष्य सौर संसाधन समृद्ध देशों में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना और इसे बढ़ावा देना है.

दोनों नेताओं ने गुड़गांव स्थित ‘राष्ट्रीय सौर उर्जा संस्थान’ में आईएसए मुख्यालय की आधारशिला रखी. यह 122 सौर संसाधन समृद्ध देशों का समूह है. बीते 30 नवंबर को पेरिस जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन से इतर इसकी शुरुआत की गई थी.

'भारत-अमेरिका-फ्रांस की पहल'
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि पिछले एक साल से सारी दुनिया ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने के लिए चिंता जता रही है. लेकिन भारत, अमेरिका और फ्रांस ने  इसके लिए इनोवेशन की तरफ कदम बढ़ाया है. मोदी ने कहा, 'किसी भी देश के विकास के लिए एनर्जी बेहद महत्वपूर्ण है. इन तीनों राष्ट्रों की कोशिश है कि ऐसे इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाए जो टिकाऊ, सस्ता और सबकी पहुंच में हो.'

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'पर्यावरण संरक्षण भारत की परंपरा'
पीएम मोदी ने अमेरिका, भारत और फ्रांस के इस गठजोड़ को दुनिया के हित में बताया. मोदी ने पर्यावरण संरक्षण को भारतीय संस्कृति का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा, 'भारत वह देश है जिसने दुनिया को प्रकृति से प्यार करना सिखाया. हमारे पूर्वजों ने हमें प्रकृति से प्रेम की शिक्षा दी. हम पौधे में भगवान देखने वाले लोग हैं. यह हमारी परंपरा है.' मोदी ने कहा कि इंटरनेशनल सोलर एलायंस (ISA) का मुख्यालय भारत में है लेकिन यह एक वैश्विक संगठन है जो सभी लोगों के हित में काम करेगी.

'वैश्विक संगठन है ISA'
भारत ने एक विचार रखा की क्यों न दुनिया में ऐसे देशो का संगठन खड़ा किया जाए जिन देशो में 300 दिनों से ज्यादा सूर्य का प्रकाश रहता है. क्यों न हम उसको एक ताकत के रूप में स्वीकार कर दुनिया की भलाई का रास्ता खोजे. क्यों न हम 122 देशों का एक संगठन बनाएं जो सूर्य शक्ति से युक्त हैं. 30 नवंबर को दुनिया के सभी देशों के मुखिया उस समारोह में मौजूद थे जहा आईएसए नामक संस्था का जन्म हुआ. इसका मुख्यालय गुड़गांव में है लेकिन यह एक वैश्विक संगठन है जैसे WHO, UN पूरे विश्व के हैं वैसे ही ISA भी दुनिया के हित के लिए काम कर रहा है. वो देश जो छोटे-छोटे आइलैंड्स पर बसे हैं जिन्हें यह भय है कि समुद्र का पानी बढ़ा तो वे समाप्त हो जाएंगे. मैं आइलैंड देशों के नेताओं से मिला हूं. यह एलायंस उन्हें जीवन दान देगा. मोदी ने सहयोग के लिए ओलांद का आभार भी जताया.

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सोलर एलायंस दुनिया को भारत का गिफ्ट
इस मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि सोलर एलायंस जलवायु परिवर्तन से जूझ रही दुनिया को भारत का तोहफा है. उन्होंने कहा, 'यह एक ऐसे देश की पहल है जहां रोज लाखों लोग योग के दौरान उगते हुए सूर्य का स्वागत करते हैं ताकि वह पूरी दुनिया को एनर्जी दे सके. उन्होंने कहा कि भारत की इस पहल से ग्लोबल वार्मिंग का दंश झेल रही दुनिया राहत महसूस करेगी.' ओलांद ने कहा कि भारत सभी विकासशील देशों की अगुवाई कर रहा है. भारत के निर्णय और उनके परिणामों का असर इन देशों पर भी पड़ेगा. उन्होंने कहा, 'सोलर एलायंस अपने उद्देश्य को पूरा कर रहा है. यह पूरी दुनिया को भारत का तोहफा है. फ्रांस इस एलायंस में भारत के साथ जुड़ कर गर्व महसूस करता है.'

 

 

 

 

इससे पहले दोनों नेताओं ने 36 लड़ाकू विमानों की डील होने खुशी जाहिर की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- सीमा की सुरक्षा से लेकर सोलर एनर्जी, स्मार्ट सिटी और न्यूक्लियर पावर तक की हमारी 18 साल की दोस्ती और मजबूत हुई है. मोदी ने फ्रांस और भारत के सांस्कृतिक रेशे भी जोड़े. उन्होंने रिश्तों की गहराई पर एक बात और कही. बोले- हमारे रिश्ते नमस्ते से बों..रू (फ्रेंच में हेलो या गुड डे कहने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) तक मजबूत हुए हैं.

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ओलांद बोले- IS से लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का सोमवार को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में औपचारिक तौर पर स्वागत किया गया. यहां ओलांद ने कहा कि दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन ISIS के खिलाफ लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.

मेट्रो से गुड़गांव पहुंचे मोदी और ओलांद

 

ISIS पर निशाना
ओलांद ने कहा, 'ISIS से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. जैसा कि हमने हाल ही में आपातकाल के दौरान किया था. हम हर संभव कदम उठाएंगे.' उन्होंने कहा, 'ISIS से डरने वाला नहीं है फ्रांस. उसका खात्मा करने के पूरी कोशिश करेंगे हम.' आपको बता दें कि पिछले साल ISIS ने पेरिस में सिलसिलेवार हमले किए थे, जिसमें कई मासूम लोगों की जान चली गई थी. उसके बाद फ्रांस ने ISIS पर हमले और तेज कर दिए थे और देश में आपातकाल लागू कर दिया था.

ओलांद ने कहा कि भारत और फ्रांस हर तरह के खतरे का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'आतंकवाद के खिलाफ हमारी ताकत लड़ेगी.'

यहां राफेल डील को आगे की दिशा मिलने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि फिलहाल इसपर बात नहीं बन पा रही है. ओलांद ने भारत के लिए रवाना होने से पहले कहा था कि इस डील को लेकर दोनों देश सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

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पूरी तरह तैयार नहीं राफेल डील
ओलांद की इस यात्रा में 36 राफेल फाइटर जेट डील पर सभी की निगाहें टिकी हुई थी. लेकिन सूत्रों से जानकारी मिली है कि राफेल डील पूरी तरह से तैयार नहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देर रात तक पैसों को लेकर चर्चा चलती रही लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका. इस डील पर प्रोटोकॉल एग्रीमेंट होगा. दोनों मुल्कों के बीच यह करीब 60,000 करोड़ रुपये की डील है. फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ करीब 100 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें डेसाल्ट एविएशन और डीसीएनएस के अधिकारी शामिल हैं. राफेल फाइटर जेट डेसाल्ट का ही ब्रांड है. बताया जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान राफेल डील के संबंध में दोनों देशों के बीच इंटर गवर्नमेंटल एग्रीमेंट पर दस्तखत हो सकता है.

क्या है राफेल डील?

  • फ्रांस को 36 राफेल लड़ाकू विमान भारत को देने हैं, जिसके लिए डील फाइनल हुई है.
  • यह सौदा रक्षा मंत्रालय के लिए सेना के आधुनिकीकरण के लिए बेहद जरूरी है.
  • डील सिर्फ पैसे पर अटकी है. फ्रांसीसी कंपनी की कीमत भारत को मंजूर नहीं है.
  • विमान दसॉल्ट एविएशन बना रही है और भारत को उसे टेक्नोलॉजी भी देनी है.

बिजनेस लीडर्स से मुलाकात
ओलांद ने सोमवार सुबह करीब 8.15 बजे दिल्ली के होटल ताज पैलेस में बिजनेस लीडर्स और कई सीईओ से मुलाकात की.

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राष्ट्रपति भवन में स्वागत
राष्ट्रपति भवन में सुबह करीब 10 बजे ओलांद का औपचारिक और भव्य स्वागत किया गया. भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनका स्वागत किया और इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस स्वागत से ओलांद काफी अभिभूत हुए. ओलांद ने कहा कि वो गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं.

बापू को दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत के बाद ओलांद राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. यहां उन्होंने पौधारोपण भी किया.

 

कृषि और अंतरिक्ष पर जोर
फ्रांस्वा ओलांद ने राष्ट्रपति भवन में कहा कि भारत और फ्रांस कृषि और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपने 'आर्थिक संबंधों को सुधारने की दिशा में काम करेंगे.' ओलांद ने कहा, 'हम भारत और फ्रांस के संबंधों को सुधारने पर जोर दे रहे हैं.'

ओलांद तीन दिन की भारत यात्रा पर रविवार को चंडीगढ़ पहुंचे थे, जहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गले लगाकर उनका स्वागत किया था और उन्हें रॉक गार्डन की सैर कराई थी.

26 जनवरी का कार्यक्रम
- सुबह 9.30 बजे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति भवन में उनका स्वागत करेंगे.
- सुबह 10 बजे गणतंत्र दिवस परेड देखने पहुंचेंगे ओलांद.
- दोपहर 12.30 बजे फ्रेंच और भारतीय हस्तियों के साथ प्राइवेट लंच करेंगे.
- राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन में एट-होम में शामिल होंगे.
- शाम को 5.30 बजे पेरिस के लिए उड़ान भरेंगे.

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