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इजरायल से मिलेंगे 'किलर ड्रोन', हाफिज-सलाहुद्दीन-दाऊद को बिना बॉर्डर पार किए निशाना बनाएगा भारत

इजरायल से मिलने वाले ये लड़ाकू ड्रोन्स आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में भारतीय सेना के लिए तुरुप का इक्का साबित होंगे. बिलकुल वैसे ही होंगे जैसे अमेरिकन प्रिडेटर और रीपर ड्रोन्स अफगानिस्तान-पाकिस्तान और इराक में आतंकी अड्डों को नेस्तनाबूद कर देते हैं.

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इजरायल से भारत को मिलेंगे 10 ड्रोन
इजरायल से भारत को मिलेंगे 10 ड्रोन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इजरायल दौरा दोनों देशों के संबंधों में एक अहम पड़ाव है. पीएम मोदी का इजरायल दौरा ना सिर्फ आपसी संबंधों के मद्देनजर अहम है, बल्कि इससे भारत को रक्षा के क्षेत्र में भी बड़ी सफलता हाथ लगने वाली है. इसके अलावा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाने लड़ने में भी भारत को इस मजबूती मिलने वाली है. इजरायल से भारत को दुश्मनों को नेस्तनाबूत करने वाल ताकतवर ड्रोन मिलने वाला है. पीएम मोदी के दौरे पर इजराइल के 10 हेरॉन टीपी ड्रोन को लेकर अहम डील होने वाली है, जो 400 मिलियन डॉलर का करार होगा.

2015 में भारत में किया था प्रदर्शन

अब ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय सेना लड़ाकू ड्रोन्स से लैस होगी. इजरायल से भारत को गाइडेड मिसाइलों से लैस 10 हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन की डिलीवरी शुरू होने वाली है. भारत के रक्षा मंत्रालय ने साल 2015 में इजरायल के साथ हेरॉन-टीपी ड्रोन की डील को मंजूरी दी थी. इजरायल ने फरवरी 2015 में बंगलुरु के एयरो इंडिया शो में हेरॉन टीपी ड्रोन का प्रदर्शन किया था. जिसके बाद 11 सितंबर 2015 को रक्षा मंत्रालय ने इजराइल से 400 मिलियन डॉलर में 10 मिसाइल-सशस्त्र ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी. पिछले साल जब भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण शासन यानी MTCR का सदस्य बना तो इजरायल से लड़ाकू ड्रोन की खरीद का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया था, अब इंजरायल की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज भारत के लिए हेरॉन-टीपी ड्रोन बना रही है. और जल्द ही भारत को उसके पहले लड़ाकू ड्रोन मिल जाएंगे.

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पूरी तरह ऑटोमैटिक हैं ड्रोन

भारत के लिए मेड इन इजरायल लड़ाकू ड्रोन एक गेमचेंजर माने जा रहे हैं. जिनकी अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन हवा से जमीन पर टारगेट तबाह करने वाली मिसाइलों से लैस होंगे. हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन्स पूरी तरह ऑटोमेटिक हैं, जिसे कंट्रोल रूम में बैठकर सिर्फ एक शख्स ऑपरेट कर सकता है. हेरॉन-टीपी लड़ाकू ड्रोन्स एक टन से ज्यादा भारी विस्फोटक लेकर 45 हजार फीट तक की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं.

आतंकवाद के खिलाफ मिलेगी सबसे बड़ी ताकत

इजरायल से मिलने वाले ये लड़ाकू ड्रोन्स आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में भारतीय सेना के लिए तुरुप का इक्का साबित होंगे. बिलकुल वैसे ही होंगे जैसे अमेरिकन प्रिडेटर और रीपर ड्रोन्स अफगानिस्तान-पाकिस्तान और इराक में आतंकी अड्डों को नेस्तनाबूद कर देते हैं. ये ड्रोन अभी अफगानिस्तान और इराक में आतंकी ठिकानों पर अटैक के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं. लड़ाकू ड्रोन हेरॉन पहले अपने टारगेट को खोजता है. फिर अपना टारगेट सेट करता है. और फिर हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से टारगेट को तबाह कर देता है. मेड इन इजरायल हेरॉन-टीपी ड्रोन 2004 से इस्तेमाल में हैं. जिनका इस्तेमाल इजरायल की सेना अपने दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने के लिए करती आई है.

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इनको निशाना बनाएगा भारत

हेरॉन-टीपी ड्रोन भारतीय सेना में शामिल हो जाएंगे तो एलओसी पर पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में धड़ल्ले से चल रहे आतंकी कैंपों के खिलाफ एक्शन लेना आसान हो जाएगा. लड़ाकू ड्रोन के टॉप-5 टारगेट में सबसे ऊपर पीओके में एक्टिव 45 से ज्यादा टेरर कैंप हो सकते हैं. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर भारत का मोस्ट वॉन्टेड और ग्लोबल आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन हो सकता है. तीसरा नंबर हाफिज मोहम्मद सईद का है, जो इन दिनों पाकिस्तान में हाउस अरेस्ट है. भारत को मिलने जा रहे लड़ाकू ड्रोन्स की हिट लिस्ट में चौथा नाम पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर का हो सकता है. जबकि 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट का गुनहगार दाऊद इब्राहिम को भी लड़ाकू ड्रोन्स के जरिए ठिकाने लगाया जा सकता है, जो इन दिनों कराची में बैठकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है.

हेरॉन ड्रोन की खास बात

ये किसी भी मौसम में आसानी से अपने मिशन को अंजाम दे सकता है. करीब 30 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है. 40 हजार फीट तक की ऊंचाई से जमीन पर टारगेट भेद सकता है. एक टन से ज्यादा विस्फोटक पेलोड लेकर उड़ान भर सकता है. 370 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ते हुए अटैक कर सकता है. और 7400 किलोमीटर की रेंज में अचूक निशाना लगा सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं इजरायल के हेरॉन-टीपी ड्रोन के जरिए बड़े पैमाने पर खुफिया निगरानी भी की जा सकती है.

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ऐसे आतंकवादियों की एक लंबी लिस्ट है जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक और सीरिया में अमेरिका-रूस और इजरायल के लड़ाकू ड्रोन्स के जरिए ठिकाने लगाए जा चुके हैं. जानकार कहते हैं कि हेरॉन ड्रोन के जरिये पीओके में आतंकी कैंपों पर कार्रवाई करना बेहद आसान होगा. भारत अभी भी निगरानी ड्रोन्स के जरिये पीओके के आतंकी कैंपों पर नजर रखता है. लेकिन लड़ाकू ड्रोन से पीओके के आतंकी कैंपों को देखते ही उन्हें तबाह करने की ताकत मिलेगी.

 

 

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