दिल्ली में एनडीए की हुई बैठक में 2019 के लोकसभा चुनाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में लड़े जाने का प्रस्ताव पास किया गया. ये बैठक पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई. 2014 में सत्ता संभालने के बाद एनडीए की ये दूसरी बैठक थी.
बैठक के बाद एनडीए नेताओं के लिए प्रधानमंत्री की ओर से डिनर का आयोजन किया गया है. पीएम के इस डिनर डिप्लोमेसी को आने वाले समय में सत्तारूढ़ गठबंधन की सियासी रणनीति के मद्देनजर बैठक को काफी अहम माना जा रहा है.
NDA members in the meeting passed a resolution: will work together to succeed in 2019 under the leadership of PM Modi pic.twitter.com/VQyauxtMOc
— ANI (@ANI_news) April 10, 2017
33 दलों के नेता बैठक में
बैठक में हुई चर्चा के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि एनडीए की इस बैठक में 33 घटक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिए. बैठक में सरकार के कामकाज को लेकर चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि पिछले 3 साल में केंद्र ने बेहतरीन काम किया है जिससे लोगों में सरकार की लोकप्रियता बढ़ी है.
आर्थिक सुधार पर बैठक में चर्चा
जेटली ने बताया कि केंद्र की सफल नीतियों का ही असर है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए ने लगातार राज्यों में अपनी जीत दर्ज की है. सरकार के लिए ये बड़ी उपलब्धि है कि उसने यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की. जेटली ने कहा कि एनडीए की इस बैठक आर्थिक सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी घटक दलों को बताया गया. सरकार की साफ-सुथरी छवि को बनाए रखने पर भी बैठक में चर्चा हुई.
कौन-कौन हुए शरीक
मीटिंग में सभी घटक दलों के नुमाइंदों के अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए. इनमें जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू शामिल थे. इस बैठक से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच करीब आधे घंटे तक बैठक हुई.
क्या है एजेंडा?
अगले राष्ट्रपति के चुनाव को देखते हुए भी इस मीटिंग को अहम माना जा रहा है. इसके अलावा मीटिंग में केंद्र और राज्यों बीच बेहतर समन्वय के उपायों पर भी चर्चा हुई.