प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 और 12 मई को नेपाल के दौरे पर रहेंगे. उनकी इस यात्रा के दौरान नेपाल से कृषि और रेल से जुड़े कई समझौतों पर दस्तखत होंगे. गौरतलब है कि 12 मई को कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हैं.
नेपाल प्रशासन के सूत्रों ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया कि यह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'भरोसा बहाली' की यात्रा होगी. दोनों देशों को यह आभास है कि उनके बीच एक 'खास' तरह का रिश्ता है. गौरतलब है कि इसके पहले नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली भारत के दौरे पर आए थे.
नेपाल प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'पीएम ओली की भारत यात्रा के बाद दोनों नेताओं और सरकारों के बीच भरोसा बहाली के कदम पटरी पर आ गए हैं. पीएम मोदी की इस यात्रा से रिश्ते और मजबूत होंगे.
दोनों पक्ष सहयोग के विभिन्न मसलों पर आगे बढ़ रहे हैं और स्पष्ट दिख रही अड़चनों को भी दूर किया गया है. ऐसा ही एक मसला, पनबिजली परियोजनाओं का है, जो चीन की मदद से नेपाल सरकार बना रही है.
भारत ने साफ किया है कि वह नेपाल से बिजली सिर्फ भारत-नेपाल ऊर्जा परियोजनाओं से ही खरीदेगा. सूत्रों के अनुसार, हाल में नई दिल्ली में ऊर्जा सचिवों की बैठक के दौरान इस मसले पर चर्चा हुई थी. नेपाल के पास इन पनबिजली परियोजनाओं से तैयार अतिरिक्त बिजली को कहीं और बेचने का रास्ता नहीं है.
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के पीएम अरुण III पनबिजली पावर प्लांट का उद्घाटन संयुक्त रूप से करेंगे. दोनों देशों का फोकस कृषि में सहयोग, रेलवे, वाटरवे और इनलैंड वाटर संपर्क बढ़ाने पर होगा.
पीएम मोदी नेपाल की राजधानी काठमांडू से 135 किमी की दूरी पर स्थित जनकपुर भी जाएंगे, जो भगवान राम की पत्नी सीता का जन्मस्थान है. जनकपुर में लोग उनका सम्मान करेंगे और पीएम मोदी लोगों को संबोधित करेंगे.
सूत्रों के अनुसार नेपाल के प्रधानमंत्री इस दौरान सार्क सम्मेलन के आयोजन का मसला भी उठाएंगे. सार्क सम्मेलन पाकिस्तान में होना है और यह पिछले तीन साल से वहां नहीं आयोजित हो पा रहा है. सूत्रों के अनुसार नेपाल के पीएम चाहते हैं कि इस साल सम्मेलन सकुलशलपूर्वक सम्पन्न हो जाए.'