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PM मोदी ने कराया अपने सांसदों का सोशल मीडिया टेस्ट, सुषमा स्वराज अव्वल

अब तक ये समझा जाता था कि लोगों से जुड़ने वाले जमीनी हकीकत को समझने वाले लोगों के लिए राजनीति बनी है. लेकिन मोदी सरकार ने इसे गलत साबित कर दिखाया है. बीजेपी ने सांसदों का प्रभाव नापने के लिए उनके सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालना शुरू किया है. सोशल मीडिया पर सांसद कितने एक्टिव हैं इससे उनकी लोकप्रियता मापी जा रही है.

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अब तक ये समझा जाता था कि लोगों से जुड़ने वाले जमीनी हकीकत को समझने वाले लोगों के लिए राजनीति बनी है. लेकिन मोदी सरकार ने इसे गलत साबित कर दिखाया है. बीजेपी ने सांसदों का प्रभाव नापने के लिए उनके सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालना शुरू किया है. सोशल मीडिया पर सांसद कितने एक्टिव हैं इससे उनकी लोकप्रियता मापी जा रही है.

बीजेपी के डिजिटल सेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर एक डिजिटल एमआईएस बनाई है. जिसमें उन्होंने सभी 282 सांसदों के सोशल मीडिया अकाउंट को ट्रैक किया है. इस 6 पन्ने की रिपोर्ट में हर सांसद के ट्विटर और फेसबुक पर फॉलोअर की संख्या, ट्वीट्स की संख्या और रिट्वीट का हिसाब रखा गया है. इस रिपोर्ट का सबसे अहम पैमाना है कि क्या सांसद सरकार के काम का प्रचार करते हैं या नहीं. आखिर में उनके प्रोफाइल और स्टेटस पर फोकस किया गया है.

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सोशल मीडिया पर सबसे आगे सुषमा
इस डिजिटल रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के स्टार परफॉर्मर रहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, जिनके ट्विटर पर 50 लाख फॉलोअर हैं. तकरीबन साढ़े आठ लाख फॉलोअर के साथ केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी दूसरे स्थान पर रहे. इनके अलावा जनरल वीके सिंह, एमओएस एक्सटरनल अफेयर, कलराज मिश्र, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और डॉक्टर महेश शर्मा की भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने के लिए पीठ थपथपाई गई है.

सोशल मीडिया पर मेनका की परफॉर्मेंस खराब
सरकार का नेतृत्व करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो खुद सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव रहते हैं. ट्विटर पर एक करोड़ 96 लाख फॉलोवर्स वाले पीएम मोदी के सांसदों को सोशल मीडिया पर थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है. इस डिजिटल रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार के उन मंत्रियों का नाम भी उजागर हुआ है जो सोशल मीडिया पर सबसे कम सक्रिय रहते हैं. इनमें मेनका गांधी. संतोष गंगवार, डॉक्टर राम शंकर कठेरिया, संजीव बाल्यान, निरंजन ज्योति, निहाल चंद, हरिभाई चौधरी और हंसराज अहिर का नाम शामिल है.

गुजरात और यूपी के सांसदों ने किया निराश
प्रधानमंत्री के लिए सबसे शर्मनाक बात ये है कि सोशल मीडिया पर फिसड्डी सांसद उनके गृहनगर गुजरात और निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं. गुजरात मके 26 में से 15 सांसद तो ट्विटर और फेसबुक पर हैं ही नहीं या हैं भी तो उनकी मौजूदगी लगभग जीरो है. उत्तर प्रदेश में भी 71 में से 43 सांसद सोशल मीडिया पर इनएक्टिव हैं.

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