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कर्नाटक चुनाव: पीएम मोदी ने दिया कन्नड़ में भाषण, सिद्धारमैया पर साधा निशाना

पीएम मोदी अक्सर अपनी चुनावी रैलियों के अंत में कन्नड़ में 'सरकार बदलीसी, बीजेपी गेलीसी' बोलते नजर आते हैं. इसका मतलब होता है- 'सरकार बदलो, बीजेपी को ले आओ'. मोदी के कन्नड़ में बोलने को स्थानीय मतदाताओं को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.

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पीएम मोदी (FILE)
पीएम मोदी (FILE)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं. चुनाव प्रचार में उनकी अहमियत को देखते हुए उनकी रैलियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है. पीएम मोदी भी चुनावी माहौल को बीजेपी के पक्ष में करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

पीएम मोदी अक्सर अपनी चुनावी रैलियों के अंत में कन्नड़ में 'सरकार बदलीसी, बीजेपी गेलीसी' बोलते नजर आते हैं. इसका मतलब होता है- 'सरकार बदलो, बीजेपी को ले आओ'. मोदी के कन्नड़ में बोलने को स्थानीय मतदाताओं को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.

गुरुवार को उन्होंने गुलबर्गा और बेल्लारी में कन्नड़ में ही अपने भाषणों की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने भगवान बसवेश्वर को याद किया. बेल्लारी में उन्होंने कन्नड़ भाषा में ही कांग्रेस के सीएम पद के उम्मीदवार सिद्धारमैया पर भी हमला बोला.

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बेल्लारी में मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने बेल्लारी को बदनाम करने की पूरी कोशिश की है. देश और दुनिया में बेल्लारी को गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है, जैसे कि यहां पर कोई चोर और लुटेरे रहते हैं. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत कन्नड़ भाषा में ही की.

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में सीधा-रुपया सरकार है, इस रुपया सरकार ने कर्नाटक को कर्ज के बोझ में डुबा दिया है.

सिद्धारमैया साध चुके हैं निशाना

पीएम मोदी के कन्नड़ में बोलने को लेकर सिद्धारमैया उनपर निशाना साध चुके हैं. दो दिन पहले सिद्धारमैया ने कहा था कि मोदी गलत कन्नड़ बोलते हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि मोदी की चामराजनगर की रैली में कन्नड़ में बोले. उनकी रैली में मराठी काफी संख्या में थे, इस लिहाज से उन्हें मराठी में बोलना चाहिए था.

पहले भी कर चुके हैं ऐसा

इससे पहले मोदी त्रिपुरा में भी 'चलो पलटाय' का नारा दे चुके हैं. इसका मतलब होता है, आइए बदलाव करें.

यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने चुनावी प्रचार के दौरान स्थानीय भाषा का प्रयोग किया हो. इससे पहले  वो बिहार में भोजपुरी और असम में वहां की स्थानीय भाषा में भाषण दे चुके हैं. बिहार में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम में भोजपुरी में अपने भाषण की शुरुआत की थी.  वहीं, नगालैंड के तुएनसांग में विधानसभा चुनाव से पहले रैली में स्थानीय भाषा में अपने भाषण की शुरुआत की थी.

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