बहरीन दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को याद करते हुए कहा कि 'सपनों को सजाना और सपनों को निभाना ऐसा लंबा सफर जिस दोस्त के साथ पूरा किया, वो दोस्त अरुण जेटली ने आज ही अपना देह छोड़ दिया.' भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को दिल्ली के एम्स में 66 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद जेटली को नौ अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था.
बहरीन में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'जब सभी कृष्ण जन्मोत्सव मना रहे हैं, उस समय मेरे भीतर एक शोक है. मैं गहरा दर्द दबाए हुए बैठा हूं. छात्र जीवन से जिस दोस्त के साथ सार्वजनिक जीवन का एक के बाद एक कदम मिलाकर चला. राजनीति की यात्रा साथ-साथ शुरू की. एक-दूसरे के साथ जुड़े रहना और साथ मिलकर जूझते रहना. सपनों को सजाना और सपनों को निभाना ऐसा लंबा सफर जिस दोस्त के साथ पूरा किया, वो दोस्त अरुण जेटली ने आज ही अपना देह छोड़ दिया.'
अरुण जेटली के निधन पर दुख जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि मैं इतना दूर यहां बैठा हूं और मेरा दोस्त अरुण चला गया. इसी महीने कुछ दिन पहले हमारी पूर्व विदेश मंत्री बहन सुषमा स्वराज चली गईं और आज मेरा दोस्त अरुण चला गया. मेरे लिए बड़ी दुविधा का पल है. मैं एक तरफ कर्तव्य भाव से बंधा हुआ हूं और दूसरी तरफ दोस्ती का एक सिलसिला भावनाओं से भरा हुआ है. मैं बहरीन की धरती से भाई अरुण जेटली को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनको नमन करता हूं. साथ ही इस दुख की घड़ी में ईश्वर उनके परिवार को शक्ति दे, ऐसी प्रार्थना करता हूं.'
बीजेपी और जेटली का अटूट रिश्ता
इससे पहले यूएई में अरुण जेटली को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "बीजेपी और अरुण जेटली जी का अटूट रिश्ता रहा. एक छात्र नेता के रूप में वे आपातकाल के दौरान हमारे लोकतंत्र की रक्षा करने में सबसे आगे थे. वे हमारी पार्टी के एक बहुत पसंदीदा चेहरा बने. उन्होंने पार्टी के कार्यक्रमों और विचारधारा को समाज के व्यापक दायरे में जोड़ने का काम किया." उन्होंने कहा, "मैंने एक मूल्यवान दोस्त खो दिया, जिसे दशकों तक जानने का मुझे सम्मान मिला. मुद्दों पर समझ और मामलों की बारीक जानकारी रखने वाली विशेषताओं के वह धनी थे. वे हमें अपनी अच्छी यादों के साथ छोड़कर चले गए हैं. हम उन्हें याद रखेंगे."
गौरतलब है कि अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद शनिवार (24 अगस्त) को दिल्ली के एम्स में 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया. सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद जेटली को नौ अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था. यहां उनकी हालत लगातार बिगड़ती रही और उन्हें बाद में लाइव सपोर्ट सिस्टम पर रखना पड़ा. जेटली का गुरुवार को डायलिसिस हुआ था.