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मोदी सरकार पर केजरीवाल का बड़ा हमला, कहा- जजों का हो रहा फोन टैप

पीएम ने कहा कि उन्हें कभी अदालत का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला. कोर्ट सभी के योगदान से काम करता है. चाहे टाइपराइटर हो, जज हो, वकील हो और चायवाला भी जो चाय देता है.

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पीएम मोदी
पीएम मोदी

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये कह कर सबको चौंका दिया की जजों के भो फोन टेप हो रहे हैं. मौका था दिली हाई कोर्ट की स्थापना के 50 साल पूरा होने पर विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम का. मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश के मुख्य न्यायधीश टी एस ठाकुर, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और हाई कोर्ट की मुख्य न्यायधीश जी रोहिणी और पूरा विज्ञान भवन सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट जजों, जिला जजों और वकीलों से भरा था.

केजरीवाल ने कहा, 'मुझे पता चला है की उनके फोन टेप हो रहे हैं. ये तो बहुत गलत है. अगर मान भी लिया जाए की कोई जज गलत काम कर रहा है तो भी उनके फोन टेप नहीं होने चाहिए, ये न्यायपालिका की आज़ादी पर प्रहार है.'

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केजरीवाल के हमले का जवाब कानून मंत्री ने दिया जब वो लोगों को संबोधित करने आए. प्रसाद ने कहा, 'ऐसा कुछ भी नहीं की जजों के फ़ोन टेप हो रहे हैं, ये बिलकुल गलत है.' इससे पहले केजरीवाल ने इशारों में प्रधानमंत्री मोदी पर हमला भी किया और कहा कि एक व्यक्ति विशेष के पास सारी पावर नहीं होनी चाहिए. न्यायपालिका की आज़ादी के साथ कोई भी छेड़खानी चिंता की बात है. केजरीवाल ने न्यायिक नियुक्तियों पर केंद्र और न्यायपालिका के बीच चल रही रस्साकशी पर भी केंद्र को बगैर नाम लिए निशाने पर लिया.

केजरीवाल ने कहा, 'मैंने अखबार में पढ़ा कॉलेजियम ने कई सिफारिशें की पर पता नहीं क्या कारण रहा वो पोस्ट भरी नहीं गईं'. केजरीवाल ने कहा ये चिंताजनक है. ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि कॉलेजियम की सिफारिश करने के 48 घंटे के अंदर जजों की नियुक्ति होनी चाहिए. केजरीवाल ने कहा की कार्यपालिका के पास बहुत अधिक शक्तियां हैं और वो बेलगाम न हों जाएं इसके लिए न्यायपालिका को बिल्कुल मज़बूत और स्वतंत्र होना चाहिए. जजों की नियुक्ति में कार्यपालिका का कोई दखल नहीं होना चाहिए और जजों के खली पदों को जल्द भरा जाना चाहिए.

उपराज्यपाल नजीब जंग और केजरीवाल के बीच तल्खी मंच पर भी देखने को मिली. जंग ने जब संबोधन शुरू किया तो मुख्यमंत्री केजरीवाल का नाम छोड़ मंच पर मौजूद सभी लोगों का नाम लिया. देश जे मुख्य न्यायधीश टी एस ठाकुर ने जब संबोधन शुरू किया तो ये उम्मीद लगाई जा रही थी की आज भी वो जजों की नियुक्ति पर केंद्र के साथ चल रही रस्साकशी का कुछ ज़िक्र करेंगे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. लेकिन डेढ़ घंटे तक मंच पर मौजूद जस्टिस ठाकुर और प्रधानमंत्री मोदी ने एक-दूसरे से बात नहीं की. दिल्ली हाई कोर्ट को दिल्ली सरकार की तरफ से आधारभूत सुविधाओं के लिए दी जाने वाली मदद के लिए जस्टिस ठाकुर ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की तारीफ की.

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जस्टिस ठाकुर ने जजों को हिदायत भी दिया कि किसी भी कीमत पर न्यायपालिका की छवि को खराब होने से बचाएं. अंत में मौका था प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का. मोदी ने इशारों में केजरीवाल पर निशाना साधा. लोगों से मुखातिब होते हुए मोदी ने कहा, 'मुझे कभी कोर्ट जाने का सौभाग्य नहीं प्राप्त हुआ, लेकिन सुना है वहां गंभीर चर्चा होती है'. मोदी ने कहा की न्यायपालिका की हर जरूरत को पूरा करने के लिए हर सरकारी तंत्र कोशिश कर रहा है. दिल्ली हाई कोर्ट के 50 साल पूरे होने के मौके पर मोदी ने कहा कि एक कोर्ट को कामयाब तरीके से चलाने में जजों, वकीलों, कोर्ट स्टाफ समेत कई लोगों का हाथ होता है. भले ही न्यायिक नियुक्तियों पर मोदी और मुख्य न्यायधीश खुल कर कुछ नहीं बोले लेकिन उनके हाव भाव से सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव को साफ देखा जा सकता था

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