वाराणसी से लगभग बाइस किलोमीटर दूर रोहनियां विधानसभा का ककरहिया गांव में इन दिनों खूब हलचल दिखाई पड़ रही है. दरअसल, देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी से सांसद नरेंद्र मोदी इस गांव को गोद लेने जा रहे हैं. इस वजह से पूरे गांव में उत्साह है.
पूरे गांव में सफाई अभियान चलने के साथ ही सरकारी दौरे भी तेज हो गए हैं. टूटी सड़कों पर सरकारी वाहन दौड़ रहे हैं और पूरे गांव में युद्धस्तर पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी 14 अक्टूबर को वाराणसी आ रहे हैं. वे इस दिन बीएचयू के ट्रामा सेंटर का उद्घाटन करेंगे. साथ ही कई अन्य योजनाएं शुरू करने की भी सूचना है.
ककरहिया के ग्राम प्रधान मनोज सिंह बताते हैं, 'इस गांव को लोग पहलवानों के नाम से जानते हैं. जैसे ही हमें सूचना मिली कि प्रधानमंत्री ने इस गांव को गोद लिया है, हमने साफ-सफाई शुरू कर दी.'
वैसे ककरहिया के इतिहास पर गौर करें, तो यह गांव मूल रूप से पहलवानों का गांव माना जाता है. गांव के एक अखाड़े से निकलकर यहां के पहलवानों ने विदेशों तक अपना परचम लहराया है. मगर उपेक्षा के शिकार इस गांव में आज न तो पहलवानों के लिए कोई सुविधा है, न ही आम बुनियादी सुविधाएं. गांव में चिकित्सा से लेकर उच्च शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का टोटा है. इस गांव को अब प्रधानमंत्री से ही आस है.
इसी गांव में रहने वाले मनोज कुमार ने कहा, 'प्रधानमंत्री जी इस गांव को गोद लेने वाले हैं. हमें उम्मीद है कि इस गांव का स्तर उठ जाएगा.' हीरालाल बताते हैं कि यहां शौचालय की सुविधा भी नहीं है. पहलवान रामाश्रय बताते हैं कि अब गांवों के पहलवानों में उत्साह आ गया है.
लगभग तीन हजार की आबादी वाले इस गांव को अब नरेंद्र मोदी का इंतजार है. देखना है कि मोदी के गोद लेने के बाद इस गांव का सूरत-ए-हाल क्या होता है.