विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर और रिश्तों में सुधार के लिए उच्च स्तरीय संवाद की गति को तेज करने पर चर्चा की. साझा कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27-28 अप्रैल को चीन दौरे पर रहेंगे. इस दौरान पीएम मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात होगी.
इन मुद्दों पर हुई बातचीत
साझा कॉन्फ्रेंस के दौरान सुषमा स्वराज ने कहा कि साल 2018 में चीन सतलज और ब्रह्मपुत्र नदी के डेटा भारत को उपलब्ध कराएगा. इसके अलावा भारत और चीन के बाद आतंकवाद, क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल हेल्थकेयर जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत हुई. सुषमा स्वराज ने बताया कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत होगी और कई समझौतों को अंतिम रूप दिया जाएगा.
We(India-China) agreed to work together on issues like terrorism, climate change, sustainable development, global healthcare etc: EAM Sushma Swaraj in Beijing pic.twitter.com/rrjcVd3riS
— ANI (@ANI) April 22, 2018
दरअसल शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सुषमा स्वराज शनिवार चार दिन के दौरे पर यहां पहुंची हैं. द्विपक्षीय मुलाकात से पहले वांग ने बीजिंग स्थित दिआयुतई स्टेट गेस्ट हाउस में सुषमा की अगवानी की.
वांग को पिछले माह स्टेट काउंसिलर बनाया गया है जिसके बाद वह चीन के पदक्रम में शीर्षस्थ राजनयिक बन गए हैं. साथ ही वह विदेश मंत्री के पद पर भी बने हुए हैं. स्टेट काउंसिलर बनाए जाने के बाद वांग से सुषमा की यह पहली मुलाकात है.
मुलाकात के दौरान सुषमा ने वांग को स्टेट काउंसेलर बनाए जाने तथा भारत चीन सीमा वार्ताओं के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए जाने पर बधाई दी. वांग ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय विकास हुआ है और दोनों देशों के नेताओं की देखरेख में इस साल एक सकारात्मक गति भी देखने को मिली है.
We see socialism with Chinese characteristics entering a new era and India acts as a crucial stage in its development & revitalisation. It is against this backdrop that President Xi and Prime Minister Modi have decided to hold the informal summit: Chinese Foreign Minister Wang Yi pic.twitter.com/fkmJLTmdwu
— ANI (@ANI) April 22, 2018
उन्होंने कहा कि इस साल चीन की नेशनल पीपल्स कांग्रेस के समापन की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक अत्यंत महत्वपूर्ण फोन कॉल मिला. वांग ने कहा कि इस कॉल ने दोनों देशों के बीच वार्ता प्रक्रिया में सकारात्मक गति दी.
उन्होंने कहा कि हमारे दोनों नेताओं ने विचारों का गहन आदान प्रदान किया और चीन भारत संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे. वांग ने कहा कि एससीओ में भारत की सदस्यता ने संगठन की संभावनाओं और उसके प्रभाव को व्यापक किया है. साथ ही हमें भारत चीन सहयोग के लिए एक नया मंच भी मुहैया कराया है और मेरा मानना है कि भारत संगठन में सकारात्मक तथा उत्साहवर्द्धक योगदान देता रहेगा.
पिछले साल डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों ने तनाव घटाने तथा संबंधों को सुधारने के लिए विभिन्न स्तरों पर वार्ता सहित अपने प्रयास तेज किए हैं.
सुषमा और वांग की मुलाकात से ठीक पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल तथा चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के शीर्ष अधिकारी यांग जिशी के बीच शंघाई में मुलाकात हुई थी.