गुजरात के पाठ्यक्रम में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी शामिल नहीं होगी. प्रधानमंत्री ने खुद गुजरात के शिक्षा मंत्री से बात करके इस पर ऐतराज जताया. पीएम के एतराज के बाद गुजरात सरकार ने ये फैसला वापस ले लिया है.
पीएम मोदी ने ट्विटर के जरिए इसकी जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट किया कि भारत का इतिहास महान लोगों से भरा है और युवाओं को उनके बारे में पढ़ाया जाना चाहिए. मेरी जीवनी पढ़ाना सही नहीं हैं.
मोदी के ट्वीट्स-
Am reading in the news that some states want to include Narendra Modi's life struggles as a part of their school curriculum.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 30, 2014
I firmly believe that the life story of living individuals should not be included as a part of the school curriculum.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 30, 2014
India has a rich history of several stalwarts who made India what it is today. Young minds should read about these greats & emulate them.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 30, 2014
इससे पहले गुरुवार को ही गुजरात सरकार ने अगले साल के पाठ्यक्रम में मोदी की जीवनी शामिल करने का फैसला किया था. गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा ने कहा था, 'हमने मोदी के जीवन के सभी महत्वपूर्ण अध्यायों को प्राथमिक विद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय किया है. इन अध्यायों में उनके जन्म से शुरू होने वाले घटनाक्रम, उनके परिवार की पृष्ठभूमि, विद्यालय के दिन, उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न स्तरों पर किस तरह से संघर्ष का सामना किया और यह भी शामिल होगा कि उनके साधु बनने के निर्णय के पीछे कौन सी परिस्थितियां थीं.'