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मोदी को है मुझसे एलर्जी, नहीं करेंगे भूमि अधि‍ग्रहण पर बातः अन्ना हजारे

भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर सरकार पर अपना हमला तेज करते हुए अन्ना हजारे ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनसे 'एलर्जी' है और इसकी वजह से वह इस मुद्दे पर मोदी के साथ किसी बातचीत की उम्मीद नहीं करते हैं.

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अन्ना हजारे
अन्ना हजारे

भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर सरकार पर अपना हमला तेज करते हुए अन्ना हजारे ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनसे 'एलर्जी' है और इसकी वजह से वह इस मुद्दे पर मोदी के साथ किसी बातचीत की उम्मीद नहीं करते हैं.

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हजारे ने कहा कि वह महाराष्ट्र के वर्धा से दिल्ली तक तीन माह चलने वाली पदयात्रा शुरू करेंगे जो राष्ट्रीय राजधानी में ‘जेल भरो आंदोलन’ के रूप में परिणत होगी. अन्ना ने संसद में प्रस्तावित विधेयक को पारित कराने की दिशा में कदम के लिए सरकार पर हमला बोला और कहा कि यह अध्यादेश की तरह कठोर है. हजारे ने महाराष्ट्र सदन में कहा, 'मैं बेहद स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अगर संशोधित विधेयक में कोई बदलाव नहीं होता है तो मेरे आंदोलन में कोई बदलाव नहीं होगा.'

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस मुद्दे पर बात करने के लिए प्रधानमंत्री से मिलेंगे तो उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी को मेरे नाम से एलर्जी है. उन्हें मुझसे एलर्जी है इसलिए वह मुझे किसी बातचीत के लिए नहीं बुलाएंगे.' हजारे ने कहा कि महाराष्ट्र के सेवाग्राम में एक बैठक के बाद पदयात्रा शुरू की जाएगी. सेवाग्राम से महात्मा गांधी जुड़े हुए थे. उन्होंने कहा, 'बैठक 9 मार्च को वर्धा में होगी, जिसमें देशभर से समान विचारों वाले कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे. वहां हम अपनी भावी कार्रवाई को अंतिम रूप देंगे. इसमें पदयात्रा शुरू करने की तारीख भी शामिल है.'

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मोदी सरकार पर ‘तानाशाही’ का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि विशेष परियोजनाओं के लिए 80 फीसदी लोगों की सहमति लेने के प्रावधान को ‘एकतरफा’ समाप्त करने का फैसला देश को आगे ले जाने की बजाए पीछे ले जाएगा. उन्होंने कहा, 'आप ग्राम सभाओं में सार्वजनिक सुनवाई के खिलाफ क्यों हैं. ग्राम सभा और सार्वजनिक सुनवाई जैसे मंच संसद या राज्य विधानसभा से बड़े मंच हैं. ग्राम सभा लोकसभा की जननी है.' यात्रा का लक्ष्य विधेयक के खतरों के बारे में जनता को जागरूक करना और देश के हरेक कोने में संदेश फैलाना है.

अन्ना ने ‘भूमि की मैपिंग’ या ‘ग्रेडिंग’ की दिशा में कदम नहीं उठाने के लिए सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार कांग्रेस सरकार से अधिक ‘अन्याय’ कर रही है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात करेंगे, जिन्होंने कथित तौर पर उनसे मिलने का समय मांगा है तो हजारे ने कहा, 'मेरे दरवाजे सबके लिए खुले हैं.' हालांकि, उन्होंने कहा कि राजनैतिक दल प्रस्तावित पदयात्रा का हिस्सा नहीं होंगे, अन्यथा वो आंदोलन को ‘हाईजैक’ कर लेंगे.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, एमडीएमके नेता वाइको, भाकपा नेता अतुल अंजान और कई अन्य नेताओं के 24 फरवरी को जंतर-मंतर पर उनकी रैली में उपस्थित रहने के बारे में हजारे ने कहा कि उन्हें लोग मंच पर लेकर आए थे. हजारे ने उन खबरों को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने पुणे से दिल्ली आने के लिए चार्टर्ड विमान की सेवाएं लीं. उन्होंने अपने दावे की पुष्टि के लिए एयर इंडिया के अपने बोर्डिंग कार्ड की प्रति दिखाई.

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इनपुट-भाषा

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