दिल्ली यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी की बीए की उस डिग्री को असली बताया, जिसे सोमवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जारी किया था. दिल्ली यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार तरुण दास ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास पीएम के ग्रेजुएशन से जुड़े सभी संबंधित रिकॉर्ड हैं. उन्होंने पीएम की डिग्री में 1979 के जिक्र को मामूली खामी करार दिया जबकि वह एक वर्ष पहले ही पास हो चुके थे.
आम आदमी पार्टी की टीम ने मंगलवार को विश्वविद्यालय जाकर मोदी की डिग्री का ब्योरा मांगने के कुछ घंटे बाद दास ने कहा, ‘हमने अपने रिकॉर्ड की जांच की है और यह पाया गया कि प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री असली है. वह 1978 में परीक्षा में पास हुए और 1979 में उन्हें डिग्री दी गई.’ पीएम की मार्क शीट और डिग्री सर्टिफिकेट में AAP ने गड़बड़ी का दावा किया था. इन आरोपों के बारे में पूछने पर डीयू के रजिस्ट्रार ने कहा, ‘दो मार्क्स शीट के नाम में विसंगति विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड में भी है.’
मार्क्स शीट में नाम में बदलाव साधारण गलती: DU
दास ने कहा, ‘विश्वविद्यालय अपने हर छात्र की प्राइवेसी बनाए रखना चाहता है. मीडिया की खबरों को देखते हुए हम कहना चाहेंगे कि नरेन्द्र दामोदरदास मोदी ने आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया है. उनका रजिस्ट्रेशन नंबर सीसी 594/74 है और उनकी परीक्षा का रोल नंबर 16594 है.’ मार्क्स शीट में मोदी के नाम में बदलाव के बारे में पूछने पर दास ने कहा कि यह आम गलती है जहां तक बीच के नाम का सवाल है. उन्होंने कहा, ‘दूसरे छात्र भी इस तरह की गलतियां बताते हैं और आग्रह पर उनमें सुधार किया जाता है.’
बीजेपी ने केजरीवाल को भेजी थी डिग्री की कॉपी
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पीएम की डिग्री मामले में चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी के साथ ही प्रधानमंत्री की बीए और एमए की डिग्री की प्रतियां सीएम को भेजी गई हैं. शर्मा ने चिट्ठी में लिखा है कि मार्क्सशीट और डिग्री की कॉपी देखने के बाद शायद आपकी भ्रांतियां दूर होगी.
DU ने केजरीवाल के आरोपों को किया खारिज
इस बीच दिल्ली यूनिवर्सिटी के वीसी ने कहा है कि उन्होंने किसी भी रिकॉर्ड को सील करने का आदेश नहीं दिया है. वीसी योगेश त्यागी ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है. उनका यह जवाब मुख्यमंत्री केजरीवाल के उस ट्वीट पर आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में दस्तावेजों को सील कर दिया गया है और बीजेपी ने मीडिया के सामने फर्जी दस्तावेज पेश किए हैं. 'आप' नेता ने सवाल किया कि मोदी की बीए की डिग्री से संबंधित असली दस्तावेज सील क्यों कर दिए गए हैं? उन्होंने डीयू से केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश को लागू करने का आग्रह किया.
डीयू के वीसी ने इसपर कहा, 'हमें सीआईसी का आदेश मिला है और हम अपने रिकॉर्ड जांचने के बाद इसपर जवाब देंगे.' त्यागी ने आगे कहा कि जहां तक दस्तावेजों को सील करने का सवाल है, उन्होंने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया. यूनिवर्सिटी में आरटीआई से संबंधित विभाग ने अगर ऐसा आदेश दिया है तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई है.
अलग-अलग रोल नंबर और नाम का कंफ्यूजन
बीए की डिग्री में साल 1977 में नरेंद्र मोदी का रोल नंबर अलग है और 1978 में अलग. डीयू के मुताबिक, तीनों साल रोल नंबर एक ही होता है, लेकिन सप्लीमेंट्री होने पर रोल नंबर बदल जाता है. महत्वपूर्ण है कि छात्र का रजिस्ट्रेशन नंबर एक होना चाहिए. 1977 में बीए की मार्कशीट पर नरेंद्र कुमार दामोदरदास मोदी लिखा हुआ. जबकि 1978 में सिर्फ नरेंद्र दामोदर दास मोदी.
हो सकती है टाइपोग्राफिकल मिस्टेक
डीयू परीक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, परीक्षा में फॉर्म भरते समय छात्र जिस नाम से फॉर्म भरते हैं, मार्कशीट उसी नाम से आती है. अक्सर कई छात्र इस तरह नाम में या उसकी मात्रा में गलती करते हैं. कई बार मार्कशीट में भी टाइपोग्राफिकल गलतियां होती हैं, जिसे छात्र को ठीक कराना होता है. संभावना है कि पहली बार नरेंद्र कुमार दामोदर दास मोदी भरा गया हो और दूसरी बार नरेंद्र दामोदर दास मोदी.
जानकार बताते हैं कि अगर छात्र करेक्शन नहीं करवाते हैं तो आगे चलकर अगर किसी दूसरे विषय या संस्थान में दाखिला लेना है, तब अलग-अलग नामों की वजह से मुश्किल आ सकती है. लिहाजा तब छात्र नाम सुधरवाने के लिए यूनिवर्सिटी के चक्कर लगाते हैं. 1971 से SOL में तीन साल के ग्रेजुएशन प्रोग्राम की शुरुआत हुई थी.
डिग्री और मार्कशीट नियमानुसार: वीसी
दूसरी ओर, गुजरात यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. महेश पटेल ने डिग्री को लेकर किसी तरह के विवाद को खारिज किया है. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कोई विवाद है. हमें हर साल नाम में बदलाव को लेकर हजारों आवेदन मिलते हैं. 1981-1982 में मैनुअल व्यवस्था थी. उन्होंने पहले नरेंद्र कुमार लिखा होगा और फिर नरेंद्र दामोदरदास मोदी कर दिया होगा. इसलिए उनकी डिग्री में नरेंद्र दामोदर दास मोदी लिखा हुआ है. उनकी डिग्री और मार्कशीट नियम के आधार पर हैं.'