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नोटबंदी पर पीएम के पहले इंटरव्यू पर कांग्रेस ने कहा- दिशाहीन मोदी, बस जुमलेबाजी कर रहे हैं

नोटबंदी के बाद इंडिया टुडे को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कही बातों पर तीखी प्रतिक्रिया आई है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस कदम को जहां कालेधन और भ्रष्टाचार पर सीधा प्रहार करार दिया, तो कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री दिशाहीन हो चुके हैं और बस जुमलेबाजी कर रहे हैं.

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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला

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नोटबंदी के बाद इंडिया टुडे को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कही बातों पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया आई है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस कदम को जहां कालेधन और भ्रष्टाचार पर सीधा प्रहार करार दिया, तो कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री दिशाहीन हो चुके हैं और बस जुमलेबाजी कर रहे हैं.

'पीएम मोदी ने फिर किया पूरे देश का अपमान'
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी की बातों की आलोचना करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री ने यह कह कर कि बैंक खातों में जमा हो रहे पैसे काला धन है, एक बार फिर से पूरे देश का अपमान किया है.' वह कहते हैं कि प्रधानमंत्री असंगठित क्षेत्र को समझ नहीं पाए हैं. हम निगरानी का अपना काम जारी रखेंगे और आम लोगों के पैसे अमीरों की जेब में नहीं जाने देंगे.

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वहीं नोटबंदी को प्रधानमंत्री द्वारा अराजनीतिक मुद्दा बताए जाने पर सुरजेवाला ने उल्टा सवाल पूछा कि अगर इस कदम में राजनीति नहीं तो फिर प्रधानमंत्री क्यों नोटबंदी पर देशभर में रैलियां कर रहे हैं. यह प्रधानमंत्री का ढोंग है.

पीएम पहले अपने घर से शुरू करें भ्रष्टाचार का खात्मा
भ्रष्टाचार के खात्मे की बात पर सुरजेवाला का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री सच में भ्रष्टाचार मिटाना चाहते हैं, तो उन्हें यह सबसे पहले अपने घर से शुरू करना चाहिए. प्रधानमंत्री का नाम सहारा की डायरियों में आया है, उन्हें देश को बताना चाहिए कि उन्होंने पैसे लिए हैं या नहीं?

वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पीएम मोदी के हमले के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'डॉ. मनमोहन सिंह प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों में एक हैं. उन्होंने भारत में आर्थिक सुधारों का आगाज किया. उनसे समझदारी वाली सलाह लेने की बजाय आप उनका मखौल नहीं उड़ा सकते.'

दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में बोलते हुए नोटबंदी को 'यादगार कुप्रबंधन' करार दिया था. पूर्व प्रधानमंत्री की इस आलोचना पर पीएम मोदी ने पलटवार करते हुए इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि यह दिलचस्प है कि यह शब्द (यादगार कुप्रबंधन) उस नेता की तरफ से आया जो पिछले 45 सालों तक भारत की अर्थव्यवस्था से सीधे तौर पर जुड़े रहे.

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सदन में बोलना ही नहीं चाहते थे पीएम : डी राजा
वहीं वामपंथी पार्टी सीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी राजा ने विपक्ष द्वारा संसद न चलने देने के पीएम मोदी के आरोपों को गलत करार दिया. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री सदन में बोलना ही नहीं चाहते थे. एक दिन प्रधानमंत्री तो मौजूद भी थे, तब डॉ. मनमोहन सिंह ने सदन में नोटबंदी पर अपनी बात रखी, तब वर्तमान प्रधानमंत्री को भी बोलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अगर प्रधानमंत्री बोलना चाहते, तो कोई भी आपत्ति नहीं जताता.'

राजा ने इस साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री को देशवासियों को बताना चाहिए कि नोटबंदी के बाद कितना काला धन उजागर हुआ. वह कहते हैं, प्रधानमंत्री के पास इन सवालों के जवाब नहीं, इसलिए वह विपक्ष को कोस रहे हैं. प्रधानमंत्री जैसे पद बैठे व्यक्ति के लिए यह उचित नहीं. प्रधानमंत्री को खुद जाकर जमीनी हकीकत देखनी चाहिए.

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