प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विकास के जरिए ही देश की सारी समस्याओं का समाधान मुमकिन है. उन्होंने 'मन की बात' कार्यक्रम में यह बात कही.
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के हित के लिए वे भूमि बिल में सुधार करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि किसानों का हर तरह से कल्याण हो, इसके लिए वे बिल के 13 बिंदुओं को आज से ही लागू कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'भूमि अधिग्रहण बिल पर सरकार का मन खुला है.'
मोदी ने कहा, 'भूमि बिल पर किसानों को भयभीत किया गया. किसान भयभीत न हों, भ्रम में न रहें. अब भ्रम का कोई कारण नहीं है.' उन्होंने साफ किया कि भूमि अध्यादेश को 31 अगस्त को ही खत्म होने दिया जाएगा.
'भूमि अधिग्रहण अध्यादेश फिर से जारी नहीं होगा'
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार भूमि अध्यादेश को पुन:स्थापित या फिर से जारी नहीं करेगी. लेकिन किसानों को सीधा लाभ मिलने वाले 13 बिंदुओं को नियमों के तहत लाकर लागू कर रही है, ताकि किसानों को नुकसान न हो.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने एक अध्यादेश जारी किया था, कल 31 अगस्त को उस अध्यादेश (भूमि अधिग्रहण संबंधी) की सीमा समाप्त हो रही है. मैंने तय किया है, इसे समाप्त होने दिया जाए.'
किसानों को किसी तरह के दुष्प्रचार में नहीं आने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि लेकिन उसमें एक काम अधूरा था, वह था- 13 ऐसे बिंदु थे, जिसको एक साल में पूर्ण करना था और इसलिए हम अध्यादेश में उसको लाए थे. लेकिन इन विवादों के चलते वह मामला भी उलझा गया. मोदी ने कहा कि उन 13 बिंदुओं को हम नियमों के तहत लाकर आज ही लागू कर रहे हैं, ताकि किसानों को नुकसान न हो, आर्थिक हानि न हो. मोदी ने कहा, 'जिन 13 बिन्दुओं को लागू करना पहले के कानून में बाकी था, उसको आज हम पूरा कर रहे हैं.'
भूमि बिल पर सरकार का मन खुला
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस भूमि अधिग्रहण कानून के बारे में विवाद चल रहा है, उस पर सरकार का मन खुला है. उन्होंने कहा, 'किसानों के हित के किसी भी सुझाव को मैं स्वीकार करने के लिए तैयार हूं. भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार की बात राज्यों की तरफ से आग्रहपूर्वक आई.'
पीएम ने कहा, 'सबको लगता था कि गांव, गरीब, किसान का अगर भला करना है, खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए नहरें बनानी हैं, गांव में बिजली पहुंचाने के लिए खम्बे लगाने हैं, गांव के लिए सड़कें बनानी है, गांव के गरीबों के लिए घर बनाने हैं, गांव के गरीब नौजवानों को रोजगार के लिए व्यवस्था उपलब्ध करानी हैं, तो हमें अफसरशाही के चंगुल से, कानून को निकालना पड़ेगा और तब जाकर सुधार का प्रस्ताव आया था.'
किसी दल का नाम लिए बिना मोदी ने कहा, 'लेकिन मैंने देखा कि इतने भ्रम फैलाए गए, किसान को भयभीत कर दिया गया. किसानों को भ्रमित नहीं होना चाहिए और भयभीत तो कतई ही नहीं होना चाहिए. मैं ऐसा कोई अवसर किसी को देना नहीं चाहता हूं, जो किसानों को भयभीत करे, किसानों को भ्रमित करे.'
'जय जवान, जय किसान' केवल नारा नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए 'जय जवान, जय किसान' ये नारा नहीं है, हमारा मंत्र है, जो गांव, गरीब, किसान के कल्याण से जुड़ा है.' उन्होंने कहा, 'तभी तो हमने 15 अगस्त को कहा था कि सिर्फ कृषि विभाग नहीं, बल्कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग बनाया जाएगा, जिसका निर्णय हमने बहुत तेजी से आगे बढ़ाया है.'
स्वच्छता और स्वास्थ्य की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'स्वच्छ भारत' से ही 'स्वस्थ भारत' का सपना साकार हो सकता है. उन्होंने कहा कि इन दिनों डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि डेंगू खतरनाक है, पर कुछ सावधानी बरतकर इससे बचाव मुमकिन है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह 11 बजे से आकाशवाणी पर 'मन की बात' की. मोदी ने खुद ट्वीट करके इस कार्यक्रम की जानकारी दी. पीएम बनने के बाद उनका यह 11वां कार्यक्रम रहा.
Tune in at 11 AM. #MannKiBaat pic.twitter.com/BXvRFJTXrs
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2015
पहली बार पिछले साल 3 अक्टूबर को मन की बात कार्यक्रम प्रसारित किया गया था. गणतंत्र दिवस पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ भी उन्होंने रेडियो पर मन की बात थी. मोदी इस कार्यक्रम के जरिये सामाजिक मुद्दे उठाते रहे हैं और युवाओं से नशा छोड़ने की अपील भी कर चुके हैं.