प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को सीना चौड़ा कर कहा था कि बच्चियों के लिए एक साल में 4.25 लाख शौचालय बना दिए. लेकिन जमशेदपुर के खरसावां जिले में 261 बच्चियों ने शौचालय न होने के कारण ही स्कूल छोड़ दिया. स्कूल में 261 छात्राओं के लिए सिर्फ 5 शौचालय बने हैं, जबकि स्कूल आवासीय है.
बढ़ती जा रही थी छेड़छाड़
ये लड़कियां खुले में शौच जाने को मजबूर थीं. इनसे छेड़छाड़ की घटनाएं भी बढ़ती जा रही थीं.
आखिरकार ईचागढ़ के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की लड़कियों ने स्कूल छोड़ने का ही फैसला कर लिया.
स्कूल की बाउंड्री भी नहीं
स्कूल की
सुरक्षा के नाम पर लकड़ियों से घेरेबंदी कर रखी है. स्कूल की बाउंड्री भी नहीं की गई है. इस कारण रात में भी बदमाश हॉस्टल में घुस आते हैं. कुछ लड़कियों को तो अगवा करने की धमकी तक मिल चुकी है.
शौचालय नहीं, तो पढ़ाई नहीं
हॉस्टल वार्डन माधुरी बारी ने बताया कि लड़कियों ने साफ कह दिया है कि जब तक उनके लिए
शौचालय नहीं बनाए जाते, वे स्कूल में कदम नहीं रखेंगी. स्कूल का स्टाफ भी लड़कियों की इस मुहिम में उनके साथ है.