सरकार की ओर से संचालित मुद्रा लोन योजना((PMMY) धोखाधड़ी का शिकार हो गई है. संसद में उठे सवाल के जवाब में सरकार ने भी मुद्रा लोन योजना में अनियमितताओं की बात स्वीकार की है. सरकार ने माना है कि मुद्रा योजना में अब तक धोखाधड़ी के दो हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि, सरकार ने यह भी बताया कि दोषी मिले 103 अफसरों पर कार्रवाई हो रही है.
दरअसल, झारखंड से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मुद्रा लोन योजना को लेकर लोकसभा में कई सवाल पूछे थे. उन्होंने वित्त मंत्री से पूछा था कि पिछले तीन वर्षों में देश में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में धोखाधड़ी या वित्तीय अनियमितताओं के कितने मामले दर्ज हुए हैं. इन शिकायतों पर सरकार ने क्या कार्रवाई की. क्या देश में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत एनपीए के मामले बढ़ रहे हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिखित में जवाब दिया. उन्होंने बताया कि योजना शुरू करने से लेकर 21 जून 2019 तक योजना के तहत 19 करोड़ से अधिक लोगों को लोन दिया गया. सरकारी बैंकों ने बताया है कि तीन वर्षों में मुद्रा लोन खातों से जुड़ी 2313 धोखाधड़ी की घटनाएं हुईं. शिकायतें सामने आने पर जांच कराई गई तो 103 कर्मचारी दोषी मिले. जिसमें से 68 पर कार्रवाई हुई है. हालांकि योजना में किस तरह की धोखाधड़ी हो रही है, इसका उल्लेख सरकार ने नहीं किया. मगर, पिछले कुछ समय में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब इस योजना के तहत लोन दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी की गई.
सबसे ज्यादा धोखाधड़ी कहां
मुद्रा लोन योजना में सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले तमिलनाडु में हुए. यहां धोखाधड़ी की 344 घटनाएं हुईं. सिर्फ चंडीगढ़ में ही 275 घटनाएं हुईं. इसी तरह आंध्र प्रदेश में 241, ओडिशा और पंजाब में 201-201 फ्रॉड हुए. वहीं उत्तर प्रदेश में 213, राजस्थान में 194, पश्चिम बंगाल में 186, महाराष्ट्र में 155 मामले आए.
बढ़ रहा एनपीए
सरकार ने यह स्वीकार किया है कि मुद्रा लोन योजना से एनपीए भी बढ़ रहा है. 2017-18 में 2.52 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 में एनपीए 2.68 प्रतिशत हो गया है. सरकार ने हालांकि इसे मामूली वृद्धि करार दिया. सरकार ने बताया कि एनपीए की समय-समय पर निगरानी की जाती है. भारतीय रिजर्व बैंक के मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार वसूली भी होती है.
क्या है मुद्रा योजना
मोदी सरकार ने 2015 में यह योजना शुरू की. इसके तहत स्वरोजगार के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत 10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है. इस योजना का मकसद स्वरोजार के लिए आसानी से लोन देकर रोजगार सृजन करना है. सरकार का मानना है कि पूंजी की कमी के कारण तमाम युवा स्वरोजगार का साहस नही जुटा पाते. ऐसे में आसान लोन सुविधा देकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा सकता है.
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