लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा से भी नागरिकता संशोधन विधेयक पर मुहर लग गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन विधेयक पास होने पर खुशी जताई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की करुणा और भाईचारे के लिए यह ऐतिहासिक दिन है. मुझे खुशी हो रही है कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 राज्यसभा से पास हो गया है. उन सभी सांसदों का धन्यवाद, जिन्होंने वोट दिया.
A landmark day for India and our nation’s ethos of compassion and brotherhood!
Glad that the #CAB2019 has been passed in the #RajyaSabha. Gratitude to all the MPs who voted in favour of the Bill.
This Bill will alleviate the suffering of many who faced persecution for years.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 11, 2019
इस बिल के पास होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की है. अमित शाह ने कहा है कि जैसे ही नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पास हुआ, करोड़ों पीड़ित और वंचित लोगों के सपने सच हो गए. अमित शाह ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभारी हूं कि उन्होंने प्रभावित लोगों के आत्मसम्मान की रक्षा की. मैं सबको शुक्रिया कहना चाहता हूं. राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर हो रही वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 125 और विपक्ष में 99 वोट पड़े.
As the Citizenship Amendment Bill 2019 passes in the Parliament, the dreams of crores of deprived & victimised people has come true today.
Grateful to PM @narendramodi ji for his resolve to ensure dignity and safety for these affected people.
I thank everyone for their support.
— Amit Shah (@AmitShah) December 11, 2019
बिल पर छह घंटे चली बहस
गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राज्यसभा में विधेयक को पेश किया, जिस पर करीब छह घंटे की बहस के बाद अमित शाह ने सदन में विधेयक से संबंधित जवाब दिए. विपक्ष इस विधेयक का लगातार विरोध कर रहा है और संविधान विरोधी बता रहा है. इस विधेयक के खिलाफ असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है.
विधेयक को स्थायी समिति में भेजने का प्रस्ताव खारिज हो गया. समिति के पास इसे नहीं भेजने के पक्ष में 124 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े. शिवसेना ने सदन से वॉकआउट किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर देश का विभाजन न हुआ होता और धर्म के आधार पर न हुआ होता तो आज यह विधेयक लेकर आने की जरूरत नहीं पड़ती.
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, आज जो बिल लाए हैं, उसमें निर्भीक होकर शरणार्थी कहेंगे कि हां हम शरणार्थी हैं, हमें नागरिकता दीजिए और सरकार नागरिकता देगी. जिन्होंने जख्म दिए वही आज पूछते हैं कि ये जख्म क्यों लगे.
प्रताड़ित लोगों को मिलेगी नागरिकता
अमित शाह ने कहा, इस बिल की वजह से कई धर्म के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी, लेकिन विपक्ष का ध्यान सिर्फ इस बात पर है कि मुसलमानों को क्यों नहीं लेकर आ रहे हैं. आपकी पंथनिरपेक्षता सिर्फ मुस्लिमों पर आधारित होगी लेकिन हमारी पंथ निरपेक्षता किसी एक धर्म पर आधारित नहीं है. इस बिल में उनके लिए व्यवस्था की गई है जो पड़ोसी देशों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किए जा रहे हैं, जिनके लिए वहां अपनी जान बचाना, अपनी माताओं-बहनों की इज्जत बचाना मुश्किल है. ऐसे लोगों को यहां की नागरिकता देकर हम उनकी समस्या को दूर करने के प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता हैं जबकि विपक्ष के लिए प्रताड़ित लोग प्राथमिकता नहीं हैं.
अमित शाह ने कहा, बंटवारे के बाद जो परिस्थितियां आईं, उनके समाधान के लिए मैं ये बिल आज लाया हूं. पिछली सरकारें समाधान लाईं होती तो ये बिल न लाना होता. इस विधेयक को लेकर देश के कुछ हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए हैं. असम में विरोध प्रदर्शन में आगजनी और तोड़-फोड़ की गई, जिसके बाद वहां 24 घंटे के लिए 10 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.