भारत सरकार और बोडो समुदाय के बीच हुए समझौते के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहली बार कोकराझार पहुंचे. यहां स्थानीय परंपरा के मुताबिक प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया और समझौते के लिए धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया. यहां सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस जगह से मेरा पुराना रिश्ता, लेकिन आज जो उत्साह देखने को मिला है वैसा कभी नहीं मिला. यहां बोडो समुदाय के लोगों से पीएम ने कहा कि मैं आपका हूं, मुझपर भरोसा रखना.
प्रधानमंत्री बोले कि पूर्वोत्तर में अब अलगाव नहीं, लगाव हो गया है. जब लगाव होता है, तो सभी एकसाथ काम करने के लिए तैयार होते हैं. सरकार ने ब्रू की समस्याओं को समझा और उनका हल निकाला. अब एनएलएफटी ने भी बम-बंदूकों को छोड़ शांति का मार्ग अपना लिया. आप अपने साथी पर विश्वास रखें, ये विश्वास टूटेगा नहीं. प्रधानमंत्री ने अपील करते हुए कहा कि सभी को बैर छोड़ना होगा, हिंसा से कभी कुछ हासिल नहीं हुआ है.
आपकी Aspirations, आपके सुख-दुख, हर बात की भी मुझे पूरी जानकारी है। जिस प्रकार अपने सारे भ्रम समाप्त कर, सारी मांगे समाप्त कर,बोडो समाज से जुड़े साथी साथ आए हैं, मुझे उम्मीद है कि अन्य लोगों के भी सारे भ्रम बहुत जल्द खत्म हो जाएंगे: PM @narendramodi #BodoPeaceAccord
— PMO India (@PMOIndia) February 7, 2020
रैली में प्रधानमंत्री बोले कि देश में एक विभाजित करने वाली विचारधारा को पैदा किया जा रहा है, लेकिन ऐसे लोग असम और भारत को समझते नहीं हैं. सीएए को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है, यहां कोई बाहर से आकर नहीं बसेगा. मैं आज असम के हर साथी को ये आश्वस्त करने आया हूं कि असम विरोधी, देश विरोधी हर मानसिकता को, इसके समर्थकों को,देश न बर्दाश्त करेगा, न माफ करेगा.
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आज देश में हमारी सरकार की ईमानदार कोशिशों की वजह से ये भावना विकसित हुई है कि सबके साथ में ही देश का हित है।
इसी भावना से, कुछ दिन पहले ही गुवाहाटी में 8 अलग-अलग गुटों के लगभग साढ़े 6 सौ कैडर्स ने शांति का रास्ता चुना है: PM @narendramodi #BodoPeaceAccord
— PMO India (@PMOIndia) February 7, 2020
'मुझपर डंडों का असर नहीं'
कोकराझार की सभा में पीएम ने कहा कि ये इतिहास की सबसे ऐतिहासिक रैली होगी. कभी-कभी लोग डंडा मारने की बात करते हैं लेकिन मुझे करोड़ों माताओं-बहनों का कवच मिला हुआ है. आज का दिन शहीदों को याद करने का है, जिन्होंने देश के लिए बलिदान का है. बोडो समझौते पर प्रधानमंत्री बोले कि आज का दिन स्थानीय लोगों के जश्न का है, क्योंकि समझौते से स्थाई शांति का रास्ता निकला है.
सभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि अब हिंसा के अंधकार को इस धरती पर लौटने नहीं देना है, अब किसी का खून नहीं गिरेगा. हिंसा को लेकर पीएम ने कहा कि दशकों तक यहां गोलियां चलती रहीं, लेकिन अब एक शांति का नया रास्ता खुला है. नॉर्थईस्ट में अब शांति का नया अध्याय जुड़ना ऐतिहासिक है.
आज जब बोडो क्षेत्र में, नई उम्मीदों, नए सपनों, नए हौसले का संचार हुआ है, तो आप सभी की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। मुझे पूरा विश्वास है कि Bodo Territorial Council अब यहां के हर समाज को साथ लेकर, विकास का एक नया मॉडल विकसित करेगी: PM @narendramodi #BodoPeaceAccord
— PMO India (@PMOIndia) February 7, 2020
'पहले नहीं थमी थी हिंसा'
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब इस समझौते का जश्न हो रहा है, तब गोलाघाट में शंकरदेव वार्षिक सम्मेलन चल रहा है. PM बोले कि आपने एक इतिहास रचा है, जिसे पूरा देश देख रहा है. आंदोलन से जुड़ी सभी मांगें खत्म हो गई हैं, 1993-2003 के समझौतों के बाद पूरी शांति नहीं हो पाई थी. लेकिन अब केंद्र-राज्य और बोडो के लोगों ने जिस समझौते को साइन किया है, इससे कोई मांग नहीं है.
रैली में प्रधानमंत्री ने कहा कि बंदूक छोड़कर आए लोगों को एक कांटा भी ना चुभे, इसकी चिंता मैं करूंगा. शांति-अहिंसा का रास्ता पूरे असम-हिंदुस्तान के दिल को जीत लेगा. पीएम ने कहा कि इस समझौते से सभी की जीत हुई है, शांति की जीत हुई है. अब सरकार का प्रयास है कि असम अकॉर्ड की धारा 6 को भी जल्द से जल्द लागू किया जाए.
नए रेलवे स्टेशन हों, नए रेलवे रूट हों, नए एयरपोर्ट हों, नए वॉटरवे हों, या फिर इंटरनेट कनेक्टिविटी, आज जितना काम नॉर्थईस्ट में हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ:PM @narendramodi #BodoPeaceAccord
— PMO India (@PMOIndia) February 7, 2020
सभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश चुनौतियों का सामना कर रहा है, पीछे नहीं हट रहा है. जब राष्ट्रहित सर्वोपरि हो तो परिस्थितियों को ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता है, नॉर्थईस्ट का विषय संवेदनशील था. हमने पूर्वोत्तर के लोगों में विश्वास पैदा किया, पहले हर साल नॉर्थईस्ट में उग्रवाद की वजह से 1000 लोग अपनी जान गंवाते थे. पहले देश के लोग नॉर्थईस्ट आने से डरते थे, लेकिन अब ये टूरिस्ट स्पॉट बन गया है. अब दिल्ली आपके दरवाजे पर आ गई है.
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ असम और पूर्वोत्तर के कई राज्यों में हिंसा हुई थी, पीएम इससे पहले अपने दो दौरे टाल चुके हैं.
Assam: Prime Minister Narendra Modi arrives in Guwahati. PM will address a public meeting at an event in Kokrajhar shortly, to celebrate the signing of the Bodo Agreement. #BodoPeaceAccord pic.twitter.com/VsWEadT6Zu
— ANI (@ANI) February 7, 2020
मोदी के लिए सजाया गया शहर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए कोकराझार तैयार है. पूरे शहर में मानो उत्सव का माहौल है. बीती रात असम का ये शहर लाखों दीये से ऐसे रौशन हुआ, मानो दीवाली आ गई हो. पीएम मोदी बोडो समझौते की खुशी में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने कोकराझार आ रहे हैं. पीएम के स्वागत में जगह-जगह बड़े बैनर लगाए गए हैं.
Kokrajhar is all set to welcome PM @narendramodi! pic.twitter.com/0NO5O9IGKI
— PMO India (@PMOIndia) February 7, 2020
असम के विभिन्य जनजाति समूहों के कलाकार पीएम के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देते नजर आए.
On my way to Kokrajhar!
Looking forward to being among people there. pic.twitter.com/OYMYIUngE2
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2020
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1615 उग्रवादियों ने डाले अपने हथियार
गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 27 जनवरी को बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था. समझौते के दो दिन के भीतर नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के अलग-अलग गुटों के करीब 1615 उग्रवादी अपने हथियार डाल कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं. समझौते के तहत क्षेत्र के विकास के लिए करीब 1500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज रखा गया है.
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सीएए विरोध के कारण रद्द हुआ था दौरा
नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद ये प्रधानमंत्री का पूर्वोत्तर का ये पहला दौरा है. गौरतलब है कि दिसंबर में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ पीएम मोदी गुवाहाटी में शिखर सम्मेलन करने वाले थे, लेकिन सीएए विरोधी आंदोलनों की वजह से पीएम का दौरा रद्द हो गया था.