2019 के लोकसभा चुनाव की रणभेरी हो गई है और अब रणनीतियों पर अमल का वक्त आ गया है. देशभर में चुनावी कार्यक्रमों को जमीन पर उतार रही सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पर फोकस कर रही है. जिसके तहत केंद्र सरकार के करीब 25 मंत्रियों को विशेष जिम्मेदारियां दी गई हैं.
ये सभी केंद्रीय मंत्री अगले तीन महीनों में अपने-अपने विभाग से संबंधित लोगों का सम्मेलन करेंगे. साथ ही विभाग से जुड़े व्यवसायियों के साथ सम्मेलन में मंत्रालयों के कामकाज की उपलब्धियां भी बताएंगे. इसके अलावा व्यापारियों को ये भी बताया जाएगा कि कैसे वो सरकार की योजनाओं का लाभ पा सकते हैं.
सभी मंत्री व्यवसाय में आने वाली सरकारी अड़चनों के बारे में भी जानेंगे और उन्हें दूर करने के लिए मंत्रालय क्या-क्या कदम उठा रहा है, इसकी भी जानकारी देंगे. ये मंत्री अपने मंत्रालय से जुड़े विभागों की भविष्य की योजनाओं के बारे में भी व्यापारियों को बताएंगे.
राधामोहन सिंह ने किया सम्मेलन
बीते एक सितम्बर को कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने वाराणसी में 5000 किसानों का सम्मेलन किया. इसी तरह से अगले हफ्ते मनोज सिन्हा वाराणसी और उसके साथ लगे अन्य लोकसभा क्षेत्रों के रेलवे कुलियों से मुलाक़ात करेंगे.
अब ये मंत्री करेंगे दौरा
आने वाले हफ़्तों में वकीलों के साथ कानून मंत्री, चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ला, ई-रिक्शा चालकों के साथ सड़क व परिवहन राज्यमंत्री मनसुख मंडविया, स्वास्थ्य क्षेत्र में काम कर रहे डॉक्टरों के साथ स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और केमिकल फर्टिलाइजर मंत्री अनंत कुमार मुलाकात करेंगे.
वहीं, ग्राम प्रधानों से ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, महिलाओं के लिए काम करने वाली संस्थाओं के साथ मेनका गांधी और बुनकरों व साड़ी बनाने वाले कारीगरों के साथ स्मृति ईरानी सम्मेलन करेंगी.
सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में पार्टी नेतृत्व अपने सभी सांसदों को इसी तरह 'सांसद जन संवाद' के जरिये अलग-अलग कामगारों के साथ छोटे-छोटे सम्मेलन करने के लिए आदेश जारी कर सकता है. माना जा रहा है कि 2019 चुनाव के मद्देनजर आम जनता तक सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार अलग अंदाज में किया जा रहा है.