प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपनी कैबिनेट में बड़ा बदलाव करने जा रहे हैं. मोदी सरकार के इस तीसरे विस्तार में जिन नए चेहरों को जगह दी जा रही है और जिन चेहरों को बाहर किया जा रहा है, उसमें 4P फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है. यही वजह है कि मोदी ने जिन नवरत्नों को अपनी कैबिनेट में शामिल किया है, उनमें पार्टी से बाहर के भी वो चेहरे शामिल हैं, जिनका राजनीति से कोई सीधा वास्ता नहीं है.
मोदी मंत्रिमंडल में नए चेहरों को 4P फॉर्मूले के आधार पर शामिल किया जा रहा है. इस 4P का मतलब है: Passion (जुनून), Proficiency (निपुणता), Professional acumen (पेशेवर कुशाग्रता) और Political acumen (राजनीतिक कुशाग्रता).
मोदी इस फॉर्मूले के जरिए पांचवें P यानी Progress (विकास) का अपना वादा पूरा करना चाहते हैं, ताकि 2019 के चुनाव में पूरे विश्वास के साथ चुनावी रण में उतर सकें. साफ तौर पर कहा जाए तो काम के प्रति जुनून, दक्षता, पेशेवराना अंदाज और राजनीतिक कुशलता के आधार पर इन नए चेहरों का चयन किया जा रहा है.
हालांकि यहां यह बात भी ध्यान रखना जरूरी है कि मोदी सरकार का करीब साढ़े तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है और नए मंत्रियों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए महज डेढ़ साल का वक्त मिलने वाला है. ऐसे में देखना अहम होगा कि वह पीएम मोदी के न्यू इंडिया के सपने को कितना साकार कर पाते हैं.