आपातकाल के 43 साल बाद भी कांग्रेस का यह दाग धुला नहीं है. विपक्ष आज भी इंदिरा गांधी के उस फैसले को मुद्दा बना रहा है. सत्ताधारी बीजेपी आपातकाल की घोषणा वाले उस दिन को काला दिवस के रूप में मना रही है. स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल के उस दौर को 'डार्क पीरियड' बताया है.
पीएम मोदी ने आज सुबह ट्वीट कर 1975 के उस वक्त की आलोचना की. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'राजनीतिक शक्ति के लिए सिर्फ जनता ही नहीं बल्कि विचारों की आजादी को भी बंधक बनाया गया.'
25-26 जून की रात लागू उस आदेश के बाद देश के हालात पर भी पीएम मोदी ने राय रखी. उन्होंने लिखा, 'मैं सभी पुरुषों और महिलाओं के जज्बे को सलाम करता हूं, जिन्होंने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया.' पीएम मोदी ने कहा कि 43 साल पहले लागू किए गए आदेश को भारत काले दौर के तौर पर याद रखेगा, जहां सभी संस्थानों को दबाया गया और खौफ का माहौल पैदा किया गया.
India remembers the Emergency as a dark period during which every institution was subverted and an atmosphere of fear was created. Not only people but also ideas and artistic freedom were held hostage to power politics.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 26, 2018
उस दौर के विवादास्पद फैसलों और दमनकारी आदेशों की आलोचना करते हुए पीएम मोदी ने भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि लिखना, बहस करना, सवाल करना हमारे लोकतंत्र के महत्वपूर्ण पहलू हैं. कोई भी ताकत हमारे संविधान के बुनियादी सिद्धांतों को कुचल सकती है.
बता दें कि आज भारतीय जनता पार्टी इमरजेंसी के खिलाफ देश भर में दिन भर काला दिवस मनाने जा रही है. 26 जून को 43 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल का ऐलान किया था. उस दिन सुबह 8 बजे इंदिरा गांधी ने रेडियो पर आपातकाल का ऐलान किया था.