प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लगातार दूसरे वर्ष सैनिकों के साथ दीपावली मनाई और कहा कि दुनिया उनके पराक्रम और चरित्र के कारण भारत को सम्मान की नजर से देखती है. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब OROP के मुद्दे पर कई पूर्व सैनिक प्रदर्शन कर रहे हैं. पीएम ने ओआरओपी के मुद्दे पर कहा कि उन्होंने तोहफा दे दिया है.
I spent time with our soldiers and we had a wonderful conversation. pic.twitter.com/W6BzVPCS6L
— Narendra Modi (@narendramodi) November 11, 2015
प्रधानमंत्री बुधवार को अमृतसर में खासा स्थित डोगराई युद्ध स्मारक गए और पुष्पांजलि अर्पित की. यह स्थान सबसे कठिन युद्ध स्थल के रूप में जाना जाता है जहां भारतीय सैनिकों ने 22 सितंबर 1965 को जीत प्राप्त की थी. उन्होंने पंजाब में अमृतसर-खेम करन रोड पर वलतोहा के पास असल उत्तर स्मारक और परमवीर चक्र विजेता कंपनी क्वार्टरमास्टर हवलदार अब्दुल हमीद की समाधि पर भी पुष्पचक्र अर्पित किया.
मोदी ने इस बात का जिक्र किया कि 1965 में असल उत्तर लड़ाई के दौरान हमीद ने अकेले ही दुश्मन के तीन टैंक नष्ट कर दिए और उनके आक्रमण को रोकने में मदद की जबकि वह बुरी तरह से घायल थे. मोदी ने बाद में ट्वीट किया, 'सीक्यूएमएच अब्दुल हमीद को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. उन्हें उनकी वीरता के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया.' असल उत्तर मेमोरियल असल उत्तर लड़ाई का प्रतीक है जो 1965 में भारतीय सरजमीं पर लड़ी गई टैंकों की सबसे बड़ी लड़ाई में एक थी.
In the 1965 war, the Battle of Dograi on Sep 22, 1965 was one of the toughest battles fought and won by our forces.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 11, 2015
सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं यहां आपके साथ दीपावली मनाने आया हूं . यह अवसर पाने से मैं काफी खुश हूं.' सैनिकों की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'आपके पराक्रम, समर्पण और सपनों के कारण पूरी दुनिया भारत को सम्मान की नजर से देखती है. यह केवल वर्दी के कारण नहीं बल्कि सशस्त्र बलों के चरित्र के कारण है.' इस दौरान प्रधानमंत्री ने देश को सेनानियों से कहा कि वे उनके घर के सदस्य जैसे हैं.