प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच साल के कार्यकाल में महंगाई ना बढ़ने देने का श्रेय अपनी सरकार को दिया है. आजतक के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कश्मीर को लेकर मोदी ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ‘इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत’के सिद्धांत पर ही चलने का वचन दोहराया, लेकिन साथ ही साफ किया कि घाटी के चंद मुट्ठीभर राजनीतिक परिवारों को राज्य को भावनात्मक तौर पर ब्लैकमेल नहीं करने दिया जाएगा. तमाम तरह के सवालों पर प्रधानमंत्री ने इंडिया टुडे को ये इंटरव्यू शुक्रवार को वाराणसी लोकसभा सीट से अपना नामांकन भरने वाले दिन दिया.
प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर हैरानी जताई कि उनकी राजनीतिक विचारधारा में बीते 10 साल में कैसे इतना बड़ा बदलाव आ गया. प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल से साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी का टिकट दिए जाने के फैसले का बचाव किया. साथ ही उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ हिन्दू आतंकवाद के आरोप भारत की सदियों पुरानी विरासत को बदनाम करने की दुर्भावनापूर्ण कोशिश थी.
अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा
प्रधानमंत्री ने विपक्ष के ऐसे आरोपों को खारिज़ किया कि उन्होंने लोगों का ध्यान आर्थिक मुद्दों से हटाकर राष्ट्रीय सुरक्षा की ओर ले जाने की कोशिश की. पीएम ने कहा कि उनके चुनाव भाषण अधिकतर आम लोगों की बेहतरी से ही जुड़े होते हैं. हालांकि मोदी ने ये कहा कि जनता को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद को कमतर नहीं आंका जा सकता.
मोदी के मुताबिक उनके सभी भाषणों का विश्लेषण किया जाए तो पाएंगे कि अगर भाषण 40 मिनट का है तो उसमें 3 या 4 मिनट ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए होंगे. बाकी पूरा भाषण आवास, किसानों, प्रधान (मंत्री) किसान सम्मान निधि, बिजली और सड़क पर ही होंगे जिसे चेक किया जा सकता है. पीएम ने कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा की अनदेखी करने का आरोप लगाया और यूपीए के कार्यकाल में अनेक आतंकी हमलों का हवाला दिया जिनमें 26/11 मुंबई हमला भी शामिल था.
मोदी का ध्यान जब इंडिया टुडे के पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज सर्वे की ओर दिलाया गया जिनमें बेरोज़गारी देश के सबसे अहम मुद्दे के तौर पर उभरा है तो उन्होंने अन्य स्टडीज़ का हवाला देते हुए रोजगार सृजन में सरकार के रिकॉर्ड का बचाव किया. इसके लिए उन्होंने CII और NASSCOM की रिपोर्ट का हवाला दिया. मोदी ने कहा EPFO बताता है कि हर साल 1.25 करोड़ लोग उससे जुड़ रहे हैं. मोदी ने मुद्रा योजना का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसके तहत 4.25-4.50 करोड़ लोगों को पहली बार बैंक ऋण मिल रहा है. मोदी ने सवाल के लहज़े में कहा कि क्या सड़क और रेल ट्रैक का निर्माण बिना रोजगार सृजन किए ही हो रहा है.
मोदी ने सत्ता में लौटने की स्थिति में अधिक रोजगार पैदा करने संबंधी अपना रोड प्लान भी बताया. मोदी ने कहा, 'हमारे चुनाव घोषणापत्र में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस है. कृषि सेक्टर में हमें एग्रो-बेस्ड इंडस्ट्री की तरफ वेल्यू एडिशन के साथ आगे बढ़ना होगा. हमारा विकास मॉडल साफ है, हम वैश्विक मानकों के मुताबिक इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना चाहते हैं. हम सक्रिय एयरपोर्ट्स की संख्या दुगनी करना चाहते हैं. साथ ही हम किसान की आमदनी दुगनी करना चाहते हैं. हम साधारण लोगों की न्यूनतम ज़रूरतों को पूरा करना चाहते हैं.'
नोटबंदी: वरदान या श्राप
मोदी ने नोटबंदी के अपने फैसले का भी बचाव किया जिसके लिए उनके राजनीतिक विरोधी तीखी आलोचना करते हैं. मोदी ने कहा कि नोटबंदी काले धन पर कड़ा प्रहार था जो लोगों की सोच में बड़ा परिवर्तन लाया जो ईमानदारी की ओर था. मोदी ने कहा, 'इससे 1.30 लाख करोड़ का पता चला. 50,000 करोड़ की बेनामी संपत्ति ज़ब्त की गई. 70 साल पहले जो टैक्स दायरा था वो बढ़ कर दुगना हो गया.' मोदी के मुताबिक नोटबंदी से जहां काले धन पर प्रहार हुआ वहीं इससे महंगाई दर को कम करने में भी मदद मिली.
महंगाई पर काबू मज़बूत अर्थव्यवस्था की पहचान
प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरव्यू में कहा कि उनके कार्यकाल में महंगाई का ना बढ़ना मजबूत अर्थव्यवस्था का प्रतीक है. 2014 में यूपीए के सत्ता से बाहर होने में महंगाई दर का ऊंचा होना भी एक अहम कारण था. मोदी ने नोटबंदी और गुड्स सर्विस टैक्स (GST) के अमल पर सरकार की आलोचना को खारिज किया. अर्थव्यवस्था के मौजूदा प्रबंधन को लेकर मोदी ने कहा, ‘मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं.’
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मोदी ने कहा, 'आप 2014 पर लौटकर देखिए तो महंगाई सुर्खियां बनती थी. आज मंहगाई की चर्चा ही नहीं है.' प्रधानमंत्री ने हैरानी जताई कि विपक्ष से कभी नहीं पूछा जाता कि कैसे मौजूदा सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में महंगाई को काबू में रखा गया.
मोदी ने कहा, 'आप कांग्रेस से कभी नहीं पूछते कि 2014 के बाद कीमतों में कैसे गिरावट आई. पूछा जाता तो उनके लिए जनता के सामने झूठ बोलना बड़ा मुश्किल होता.'
प्रधानमंत्री ने विशेषज्ञों की ऐसी राय को खारिज किया कि 2016 में नोटबंदी से बड़ी संख्या में लोगों के रोज़गार छिने. मोदी ने कहा कि जो ऐसा कहते हैं उनके पास अपने दावों के समर्थन में कोई आंकड़े मौजूद नहीं है.
बदले की भावना से छापे?
पीएम ने ऐसे आरोपों को खारिज किया कि विरोधी नेताओं को निशाना बनाने के लिए ED और IT का दुरुपयोग किया जा रहा है. मोदी ने कहा, 'मैं आपसे आग्रह करता हूं कि मोदी अगर कभी ऐसी (गैरकानूनी) गतिविधि में शामिल मिले तो इतना दबाव बनाओ कि सरकार मोदी के घर छापा मारने को मजबूर हो जाए.' मोदी ने कहा, “क्या हालिया छापों में नकदी नहीं मिली? क्या ये गंभीर सवाल नहीं? जो गरीबों की मदद के लिए संसाधन है उनकी लूट मैं कैसे होने दे सकता हूं.”
संस्थागत स्वायत्तता
मोदी ने विपक्ष के ऐसे आरोपों को नकारा कि उनकी सरकार ने भारतीय लोकतंत्र से जुड़े विभिन्न संस्थानों की स्वायत्तता को नष्ट किया. उलटे मोदी ने अपने विरोधियों को इन संस्थानों की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया.
मोदी ने कहा, ‘’ये वही लोग है जो मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव के बाद ईवीएम और चुनाव आयोग को सही बताते हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन्हे सूट करता है तो सुप्रीम कोर्ट को सही बताते हैं. अगर नहीं करता तो वो सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से हस्ताक्षर कराके प्रस्ताव तैयार करते हैं जिससे संसद में महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की जा सके. ये वो हैं जिनसे संस्थानों को खतरा है.”
जम्मू और कश्मीर
मोदी ने कश्मीर की जटिल समस्या को सुलझाने के लिए दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांत को ही सबसे अच्छा रास्ता बताया. मोदी ने कहा, सिर्फ अटल जी का फॉर्मूला ही कारगर हो सकता है- ‘इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत.’ लेकिन प्रधानमंत्री ने साथ ही घाटी के हाई प्रोफाइल परिवारों पर पूरे राज्य को भावनात्मक ब्लैकमेल करने का आरोप भी लगाया.
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प्रधानमंत्री ने कहा, 'कश्मीर को लेकर पहले से समझ है. इसके लिए 5 साल शासन में रहने की ज़रूरत नहीं.' मोदी ने ये बात उस सवाल के जवाब में कही जब उनसे पूछा गया कि क्या 2014 से केंद्र की सत्ता में होने के बाद क्या आपको समझ आया कि कश्मीर मुद्दे को डील करने के लिए सबसे अच्छा रास्ता कौन सा है..
उन्होंने इस मौके पर जम्मू कश्मीर में सांगठनिक जिम्मेदारी के तहत बिताए अपने दिनों को याद किया. मोदी ने कहा, 'मैं वहां संगठन के लिए काम करता था. मैं राज्य के हर जिले का दौरा करने वाला रहा. इसलिए मैं वहां के बारे में अच्छी तरह जानता हूं.'
हालांकि, प्रधानमंत्री ने राज्य में अस्थिरता के लिए घाटी के राजनीतिक परिवारों के दोहरी भाषा बोलने को जिम्मेदार ठहराया. मोदी ने कहा, मुट्ठीभर परिवारों ने जम्मू कश्मीर को इमोशनल ब्लैकमेलिंग करने का रास्ता चुना हुआ है.
मोदी ने बीजेपी और पीडीपी के जम्मू और कश्मीर में रहे पूर्व गठबंधन को धुर विरोधी विचारधाराओं की ‘महामिलावट’ का नाम दिया.
मोदी ने कहा, 'मुफ्ती साहब के वक्त हमें उम्मीद थी, लेकिन वह हमारी महामिलावट थी. तेल और पानी का मिलन था. और वो हमने कहकर किया कि हम दो अलग-अलग ध्रुव है, हमारा कोई मेल नहीं बैठेगा. लेकिन जनादेश ऐसा था कि हमारे साथ मिले बिना कोई चारा नहीं था. लोकतंत्र का तकाजा आया तो हमने छोड़ भी दिया.”
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प्रधानमंत्री ने जम्मू और कश्मीर की मुख्य धारा की पार्टियों को चुनौती के लहजे में कहा कि वे श्रीनगर और दिल्ली में एक ही सुर में बोलने की हिम्मत दिखाएं. मोदी ने कहा, मुट्ठी भर परिवार हैं जो कश्मीर में एक भाषा बोलते हैं और दिल्ली में आकर दूसरी बात करते हैं. ये दोगलापन उजागर करना मेरा काम है और मैं कर रहा हूं. उनमें ये हिम्मत होनी चाहिए कि जो कश्मीर में बोलें वही दिल्ली में आकर भी बोलें. वे दो भाषा बोल रहे हैं और एक्सपोज हो रहे हैं.
दीदी में आए बदलाव पर जताई हैरानी
हाल में अभिनेता अक्षय कुमार को दिए इंटरव्यू में मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से उन्हें कुर्ते गिफ्ट में देने का जिक्र किया था. मोदी ने कहा कि व्यक्तिगत संबंध और व्यवहार अलग बात होती है और राजनीतिक विचारधारा की लड़ाई अलग.
मोदी ने इस संबंध में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के ब्लॉग का जिक्र किया . मोदी ने कहा, 'आडवाणी जी ने बहुत अच्छा ब्लॉग लिखा. हम किसी को अपना दुश्मन नहीं समझते और यही हमारी मूल चरित्र है.'
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मोदी ने ममता बनर्जी में आए बदलाव पर हैरानी जताते हुए 2009 के दिनों को याद किया कि किस तरह वे अवैध बांग्लादेशियों को देश से बाहर निकालने की बात करती थीं. साथ ही हिंसा के खिलाफ़ आह्वान करती थीं और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन के तहत चुनाव की मांग करती थीं.
मोदी ने कहा, 'अब वही ममता दीदी हैं. वहां चुनाव में आए दिन हत्याएं हो रही हैं. इस पर मुझे हैरानी होती है कि कौन सी ममता दीदी हैं. ये चिंता की बात है. वे इतना बदल जाएंगी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी. मैंने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि ममताजी को लेकर मेरा आकलन गलत निकला.'
साध्वी प्रज्ञा का बचाव
प्रधानमंत्री ने भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को लेकर पूछे सवाल पर खुद के गुजरात सीएम रहते हुए अपने पर लगाए आरोपों का हवाला दिया. मोदी ने कहा, 'मुझ पर इतने आरोप लगे थे और एक हवा बना दी गई थी. अगर तब के अखबार, ऑनलाइन मीडिया निकालोगे तो मेरे खिलाफ लाखों पेज पाओगे. और उसी के प्रभाव में अमेरिका ने मुझे वीजा देने से इनकार कर दिया था. लेकिन जब सच सामने आया तो वही अमेरिका मुझे न्योता देने के लिए सामने आया. ये झूठ फैलाने का कांग्रेस का मॉडस आपरेंडी है.' प्रधानमंत्री ने साध्वी प्रज्ञा के लिए कहा कि कोर्ट ने भी कह दिया है कि वे चुनाव लड़ सकती हैं.
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मोदी ने कहा, 'हिन्दू आतंक का नाम देकर भारत की जो हजारों साल की विरासत है उसे बदनाम किया गया. इसे सामने से ललकारना है. जैसे कि उन्होंने चौकीदार को चोर कहा. मैंने चौकीदार बनकर सामने से ललकारा. इनका मुंह तभी बंद होगा.'
विरोधियों का फोकस ईवीएम की ओर मुड़ा
प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन चरण के मतदान के बाद उनके विरोधियों का फोकस ईवीएम की ओर हो गया है. मोदी ने कहा, तीन चरण के मतदान के बाद उनकी बंदूक की नोक जो है बदल गई है. अब उनकी गालियां ईवीएम को जा रही हैं. मैं ईश्वर का आभारी हूं कि अब गालियां 50%-50% हो रही हैं. 50% मोदी को और 50% ईवीएम को.
स्वच्छ भारत और इंडिया टुडे
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए इंडिया टुडे के ग्रुप चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ़ अरुण पुरी की सराहना की. प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं अरुण पुरी को बधाई देना चाहूंगा. उन्होंने स्वच्छता (स्वच्छ भारत मिशन) पर वैसी ही ईमानदारी से काम किया जैसे कि मोदी ने. देश को इससे लाभ मिला मोदी को नहीं.'
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