जमीन अधिग्रहण बिल पर बुधवार को भी संसद में हंगामे के आसार हैं. विपक्ष ने इस मुद्दे पर संसद में सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है. दूसरी ओर, विपक्ष के विरोध को देखते हुए सरकार भी अपनी रणनीति बना रही है. 'भूमि युद्ध' में सरकार के खिलाफ अन्ना और विपक्ष
भूमि अधिग्रहण बिल पर जबरदस्त विरोध को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सरकार के बड़े मंत्रियों के साथ बैठक की. इस बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली और संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू समेत कई सीनियर मंत्रियों ने हिस्सा लिया.
अब सरकार भूमि अधिग्रहण के मसले पर सभी दलों की बैठक बुलाने पर विचार कर रही है. अगर सर्वदलीय बैठक में कोई सहमति नहीं बनती है, तो सरकार संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक भी बुला सकती है.अटल की राह चल सकती है मोदी सरकार
चौतरफा विरोध के बाद मोदी सरकार जमीन अधिग्रहण बिल पास कराने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी के रास्ते पर चल सकती है. दरअसल, अटल सरकार ने साल 2002 में आतंकवाद निरोधक कानून (पोटा) को संसद से पास करवाने के लिए दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई थी. उसी में पोटा पास कराया गया था. तब पोटा राज्यसभा में पास नहीं हो सका था और बजट सत्र के दौरान ही दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाकर इसे पारित करवाया गया था.
मोदी सरकार की मुश्किल यह है कि एनडीए के कुछ घटक दल भी भूमि अधिग्रहण बिल पर सरकार का विरोध कर रहे हैं. शिवसेना और अकाली दल साफ-साफ विरोध का इजहार कर चुके हैं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पहले ही अन्ना हजारे की हालिया पहल को खुला समर्थन दे चुके हैं. बहरहाल, इस मसले पर सियासत गरमाती जा रही है.