उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ महाकुंभ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दुनिया के नाम भारत का संदेश दिया. श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के साथ सिंहस्थ घोषणापत्र जारी करते हुए उन्होंने 51 अमृत बिंदु पर चर्चा की. इसमें नारी शक्ति, कृषि कुटीर, जल संरक्षण और पर्यावण जैसे 51 बिंदुओं को शामिल किया गया है. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि समाज के लिए निःस्वार्थ भाव से काम करने वाले लोगों की शुभ शक्तियों को एक दिशा में लगना होगा.
Kumbh mein samaaj ki disha tay hoti hai, ye puraani paramparaon mein se ek hai: PM Modi
— ANI (@ANI_news) May 14, 2016
पीएम मोदी के भाषण की प्रमुख बातें-
मैनेजमेंट की पढ़ाई में केस स्टडी बने कुंभ
संत समाज के आशीर्वाद से अपना भाषण शुरू करते हुए मोदी ने कहा कि कुंभ अद्भुत सामाजिक संरचना है, इससे समाज की दिशा तय होती थी. महाकुंभ सिर्फ नागा साधुओं का मेला नहीं बल्कि दुनिया को सीख देने की परंपरा है. दस हजार लोगों के बीच उन्होंने कहा कि कुंभ शानदार प्रबंधन का एक अद्भुत उदाहरण है. दुनिया को इसे केस स्टडी के तौर पर अपनाना चाहिए.
संत और भक्त हर साल करें विचार मंथन
मोदी ने संतों से आह्वाहन किया कि वे लोग हर साल एक हफ्ता भक्तों के साथ इस तरह का विचार मंथन करें और समाज से जुड़े मुद्दों पर रोडमैप तैयार करें. आतंकवाद और ग्लोबल वार्मिंग को दुनिया के लिए खतरा बताते हुए मोदी ने वसुधैव कुटुंबकम का नारा दोहराया. उन्होंने कहा कि दुनिया के साथ मिलकर चलने के लिए रूढ़िवादी पुरानी परंपराओं को बदलने की जरूरत है. इस आयोजन को सफल बनाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जमकर तारीफ की.
उज्जैन के पास नरोरा में विचार महाकुंभ में कई संप्रदायों के गुरु, संत, विचारक सहित बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की. तीन दिन से चल रहे विचार मंथन का सार पीएम मोदी ने करीब 3000 लोगों के सामने पेश किया.
I want to bow in respect to all the saints and seers who are present here today: PM Modi at Vaichaarik Mahakumbh
— ANI (@ANI_news) May 14, 2016
समापन कार्यक्रम में कई अहम सुझाव
विचार महाकुंभ के आखिरी दिन सम्यक जीवन पर वैचारिक सत्र में श्रीलंका में नेता प्रतिपक्ष सम्पंथान, भूटान के मंत्री डी एन थुंगवेल, नेपाल के पूर्व कार्यवाहक प्रधानमंत्री खिलराज
रेग्मी, बांग्लादेश के सांसद साधनचंद्र मजूमदार और मलेशिया दातो एस के देवगनी ने अपने विचार और सुझाव रखे.
ऐसी रही विचार महाकुंभ की व्यवस्था
अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस कार्यक्रम में विक्रमादित्य सभाकक्ष के साथ दो कक्ष कालिदास और सांदीपनि बनाए गए. मेहमानों के लिए इंदौर के लगभग 19 होटलों में 1000 कमरे बुक किए गए.
आयोजन स्थल पर 8 हैलीपेड बनाए गए थे और मेहमानों को लाने ले जाने के लिए 30 एसी कोच और 350 कारें बुक की गई. आयोजन स्थल के पास 15 हेक्टेयर में पार्किंग की व्यवस्था रही.
समारोह के सहभागियों को शुद्ध देसी घी में बने देश-विदेश के खास पकवान परोसे गए.
उज्जैन महाकुंभ में पहले भी आ चुके हैं मोदी
इससे पहले 2004 में मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उज्जैन आये थे और तब उन्होंने क्षिप्रा के तट पर डुबकी भी लगाई थी, लेकिन अब प्रधानमंत्री के आने से आम लोगों को परेशानी न
हो इसलिए मोदी बिना डुबकी लगाए ही दिल्ली रवाना हो जाएंगे.