राष्ट्रपति के तौर पर प्रणब मुखर्जी के चार साल पूरा करने के मौके पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में एक म्यूजियम का उद्घाटन किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति कई मुद्दों पर उनके अभिभावक और संरक्षक की भूमिका में रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हम राष्ट्रपति से सीख सकते हैं कि कैसे अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोग कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकते हैं.'
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुखर्जी देश की दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टियों से हैं. म्यूजियम के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री ने मुखर्जी को राष्ट्रपति कार्यालय में चार साल पूरा करने पर बधाई दी.
Congratulated President Mukherjee on completing 4 years in office & highlighted his rich contribution to the nation & the Presidency.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 25, 2016
राष्ट्रपति भवन से लागू होती हैं सरकार की सभी नीतियां
मोदी ने आगे कहा, 'मैं दिल्ली में नया था. मेरे लिए यहां तब सबकुछ नया था. तब राष्ट्रपति मुखर्जी ने मेरे अभिभावक की भूमिका निभाई. उन्होंने मुझे कई मुद्दों पर एक मार्गदर्शक की तरह राह दिखाई. कुछ ही लोगों को यह सुविधा मिलती है.' प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि भारत सरकार की सारी नीतियां राष्ट्रपति भवन से ही लागू होती हैं, चाहे वह अक्षय ऊर्जा हो या जल संरक्षण, पर्यावरण से संबंधित नीतियां हों या डिजिटल इंडिया.'
The museum beautifully brings the past back to life. The books inaugurated today are Granths that will leave a distinct mark on history.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 25, 2016
क्या है म्यूजियम की खासियत?
इस नए तीन मंजिला म्यूजियम में आप राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ चलते हुए महसूस कर पाएंगे. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ तस्वीर भी खिंचा पाएंगे और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की वीणा देख पाएंगे. म्यूजियम के निर्माता सरोज घोष ने कहा कि 1,30,000 वर्ग फीट क्षेत्र में बना ये म्यूजियम करीब 2000 कलाकृतियों का एक नया ठिकाना होगा. इनके जरिए राष्ट्रपति भवन और भारत के राष्ट्रपतियों की दास्तां बताई जाएगी, लेकिन पर्यटकों और आम जनता को इसके लिए अभी दो अक्टूबर तक इंतजार करना होगा.