अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग का साधक कभी संकट में धैर्य नहीं खोता है. योग का अर्थ ही है- समत्वम् योग उच्यते. अर्थात, अनुकूलता-प्रतिकूलता, सफलता-विफलता, सुख-संकट, हर परिस्थिति में समान रहने, अडिग रहने का नाम ही योग है. गीता में भगवान कृष्ण ने योग की व्याख्या करते हुए कहा है- ‘योगः कर्मसु कौशलम्’अर्थात्, कर्म की कुशलता ही योग है.
पीएम मोदी ने कहा कि जब हम योग के माध्यम से समस्याओं के समाधान और दुनिया के कल्याण की बात कर रहे हैं, तो मैं योगेश्वर कृष्ण के कर्मयोग का भी आपको पुनः स्मरण करना चाहता हूं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कहा गया है-
युक्त आहार विहारस्य, युक्त चेष्टस्य कर्मसु।
युक्त स्वप्ना-व-बोधस्य, योगो भवति दु:खहा।।
अर्थात्, सही खान-पान, सही ढंग से खेल-कूद, सोने-जागने की सही आदतें, और अपने काम, अपनी कर्तव्य को सही ढंग से करना ही योग है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां निष्काम कर्म को बिना किसी स्वार्थ के, सभी का उपकार करने की भावना को भी कर्मयोग कहा गया है. कर्मयोग की ये भावना भारत के रग रग में बसी हुई है. एक सजग नागरिक के रूप में हम परिवार और समाज के रूप में एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे. हम प्रयास करेंगे कि घर पर योग और परिवार के साथ योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं.हम जरूर सफल और विजयी होंगे.
कोरोना से लड़ने में मददगार योग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग कोरोना से लड़ने में मददगार साबित हो रहा है. उन्होंने देश को संबोधित करते हुए कहा कि छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का ये दिन एकजुटता का दिन है. ये विश्व बंधुत्व के संदेश का दिन है. बच्चे, बड़े, युवा, परिवार के बुजुर्ग, सभी जब एक साथ योग के माध्यम से जुडते हैं, तो पूरे घर में एक ऊर्जा का संचार होता है.
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पीएम ने कहा कि इसलिए, इस बार का योग दिवस, भावनात्मक योग का भी दिन है, हमारी बॉन्डिंग को भी बढ़ाने का दिन है. पीएम मोदी ने कहा कि विश्व बंधुत्व का दिन है. जो हमें जोड़े, साथ लाए वहीं तो योग है. जो दूरियों को खत्म करे वही तो योग है. हमारी फैमली बाउंडिंग को बढ़ाने का दिन है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से दुनिया योग की जरूरत को पहले से ज्यादा महसूस कर रही है. हमारी इम्युनिटी स्ट्रांग हो तो इस बीमारी को हराने में मदद मिलती है. अनेक आसान हैं. वो आसन ऐसे हैं जो मेरे शरीर की ताकत को बढ़ाते हैं. कोरोना हमारे रेस्परटरी सिस्टम पर अटैक करता है. प्राणायम से इस बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है. सामान्य तौर पर अनुलोम विलोम प्रणायम सभी करते हैं. लेकिन प्रणायाम कई तरह के होते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि COVID-19 वायरस खासतौर पर हमारे श्वसन तंत्र, यानि कि respiratory system पर अटैक करता है. हमारे रेस्परट्री सिस्टम को स्ट्रांग करने में करने में जिससे सबसे ज्यादा मदद मिलती है वो है प्राणायाम, यानि कि ब्रीदिंग एक्सरसाइज.
रोज करें प्राणायाम
पीएम ने बताया कि आप प्राणायाम को अपने रोजाना के अभ्यास में जरूर शामिल करिए, और अनुलोम-विलोम के साथ ही दूसरी प्राणायाम तकनीकी को भी सीखिए. उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद कहते थे- “एक आदर्श व्यक्ति वो है जो नितांत निर्जन में भी क्रियाशील रहता है, और अत्यधिक गतिशीलता में भी सम्पूर्ण शांति का अनुभव करता है.”किसी भी व्यक्ति के लिए ये एक बहुत बड़ी क्षमता होती है.
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बहरहाल, इस बार कोरोना संकट के बीच आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. कोरोना वायरस के चलते इस बार लोग एक स्थान पर जमा नहीं होकर और डिजिटल प्लेटफॉर्म और घर पर ही योग दिवस मना रहे हैं. यह पहली बार है, जब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
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बता दें कि 21 जून 2015 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 दिसंबर 2014 को प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून 2015 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया था.