केंद्रीय मंत्री उमा भारती उमा भारती ने सम्राट अशोक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना की है. आजतक से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उमा ने कहा, 'दुनिया में मोदी जैसा कोई नेता नहीं है.'
आज तक के सीनियर नेशनल पॉलिटिकल एडीटर अशोक सिंघल के साथ खास बातचीत में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा, 'मोदी का काम काज का तौर तरीका सम्राट अशोक जैसा है. मोदी सबसे नियमों का पालन करा रहे हैं चाहे वो सांसद हों, मंत्री हों या ब्यूरोक्रेट हों. मोदी एरोगेंट और सख्त दिल नहीं हैं, बल्कि काम लेने में सख्त हैं, लेकिन दिल कोमल है. नियमों और अनुशासन को लेकर सख्त हैं, जिसे लोग एरोगेंट कहते हैं.'
उमा ने कहा, 'मोदी सरकार ने सबको रोटी और इज्जत दी है. भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गर्व कराया है. भूमंडल पर मोदी के मुकाबले का कोई नेता नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'परम खुशी की वजह से शांत और खुश हूं. मुझे लगता है कि मोदी जी ने सम्राट अशोक के बाद भारत को ऐसा गौरवशाली अवसर दिया है. उन्होंने भारत की धाक दुनिया में जमाई है.' उमा भारती ने गंगा सफाई पर कहा, 'गंगा पर काम चल रहा है और यमुना पर भी करना पड़ेगा. दोनों आपस में सहयोगी हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि मोदी राज में भ्रष्टाचार नहीं है और महंगाई पर कंट्रोल हुआ है. एंटी पीपल दृष्ठिकोण बना है सरकार को लेकर, लेकिन इसमें मीडिया का रोल काफी है. ये तो राज्यों के विवेक पर है कि वो इसे कैसे लागू करते हैं, लेकिन मोदी जी किसानें के हितैषी हैं.
उमा भारती ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, 'जहां-जहां चरण पड़े राहुल के वहीं वहीं बंटाधार. राहुल अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए ही मोदी का विरोध करते हैं. दिल्ली का चुनाव कांग्रेस के लिए सबक है ना कि बीजेपी के लिए. राहुल मेरे लिए बड़े नेता नहीं हैं. अपनी पार्टी के लिए हो सकते हैं. राहुल की बात कर अपना समय खराब नहीं करूंगी.'
उन्होंने कहा, 'राहुल चाहते हैं कि देश में भिखमंगे रहें. सामंतवादी सोच का गांधी परिवार देश को गरीब बनाए रखना चाहता है. चोर केवल सूटबूट में ही नहीं आता बल्कि खादी में भी तो आता है.' राहुल-केजरीबाल को हर जगह मोदी दिखते हैं. उनकी अपनी टीआरपी नहीं है, लिहाजा मोदी का विरोध करते हैं.'
उन्होंने कहा कि अरुण शौरी से सरकार की ऐसी आलोचना की अपेक्षा नहीं थी. उनको बहुत मानती हूं, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की आलोचना खुलेआम करने से पहले मोदी से मिल कर चर्चा कर सकते थे. उन्होंने ये भी कहा, 'गोविंदाचार्य को भी पहले पीएम मोदी से बात करके अपनी बात रखनी चाहिए थी. उन्हें सार्वजनिक चर्चा नहीं करनी चाहिए थी.'
उन्होंने इस इंटरव्यू में लाल कृष्ण आडवाणी की भी खूब तारीफ की. उन्होंने कहा, 'सबके मन में उनके लिए बहुत सम्मान है. आडवाणी के लिए ये चरम खुशी का दिन है कि उनका लगाया पौधा वटवृक्ष बन चुका है. गुरु अपने शिष्य से और पिता अपने पुत्र से उम्मीद करता है कि वो उनसे आगे निकले.' आडवाणी को राष्ट्रपति बनाने का सवाल उमा ये कहकर टाल गई कि ये उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात है.
वहीं, उमा भारती, मोदी-अमित शाह और जेटली की त्रिमूर्ती की वो कायल हैं. इस तीनमूर्ति के लिए वो जान भी दे सकती हैं. अमित शाह जैसा राजनीतिक सूझबूझ जैसा आदमी किसी पार्टी में नहीं. जेटली जैसा बढ़िया वित्तमंत्री कोई नहीं हुआ.'
राम मंदिर के मुद्दे पर उमा भारती ने कहा, 'राम मंदिर का निर्माण वहीं होगा जहां रामलला बैठे हैं, लेकिन इस मामले का हल आपसी सहमति से होना चाहिए. मुझे राम मंदिर आंदोलन से जुड़ने का गर्व है.'