भारत की यात्रा पर आए जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (द्वितीय) बिन अल-हुसैन से बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भेंट की. दोनों के बीच कारोबार, निवेश, सुरक्षा, पयर्टन और लोगों के बीच सम्पर्क बढ़ाने समेत अनेक विषयों पर व्यापक चर्चा हुई.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि जॉर्डन और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंध और मजबूत हुए. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शाह अब्दुल्ला से भेंट की. दोनों नेताओं के बीच कारोबार, निवेश, रक्षा एवं प्रतिरक्षा, पर्यटन एवं लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क समेत सभी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध एक दूसरे के प्रति शुभेच्छा और गर्मजोशी से भरे हैं.
जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (द्वितीय) बिन अल हुसैन भारत की तीन दिन की यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे जहां उनकी भव्य अगवानी की गयी और हवाईअड्डे पर उनके स्वागत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोटोकोल तोड़कर खुद पहुंचे थे.
करीब तीन सप्ताह पहले ही प्रधानमंत्री ने फिलीस्तीन समेत पश्चिम एशिया की अपनी यात्रा के तहत जॉर्डन का दौरा किया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को ट्वीट किया था, ‘‘शाह अब्दुल्ला द्वितीय के दिल्ली आगमन पर उनका स्वागत है. इस महीने की शुरूआत में अम्मान में मेरे संक्षिप्त दौरे के बाद फिर से उनसे मुलाकात सुखद है. भारत की उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करेगी. मैं वृहस्पतिवार को हमारी बातचीत को लेकर आशान्वित हूं.’’
प्रधानमंत्री मोदी और जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला गुरूवार को व्यापक बातचीत करेंगे जिसमें द्विपक्षीय संबंधों का पूरा आयाम होगा.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बातचीत में फिलीस्तीन के मुद्दे के साथ ही आतंकवाद, चरमपंथ और उग्रवाद से निपटने के तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा हो सकती है.
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी बयान में बताया गया है कि, जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (द्वितीय) 'इस्लामिक हेरीटेज एंड प्रमोटिंग अंडरस्टैंडिंग एंड मॉडरेशन' विषय पर आयोजित सम्मेलन में शिरकत करेंगे और व्याख्यान देंगे.
दोनों पक्षों के बीच क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय आपसी हितों और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा होगी.' जॉर्डन के शाह का भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आधिकारिक वार्ता का भी कार्यक्रम है. साथ ही, शाह अब्दुल्ला के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में 1 मार्च को अतिथि भोज का भी आयोजन किया जाएगा.
भारत और जॉर्डन के बीच द्विपक्षीय सहमति के आधार पर कई समझौतों के ज्ञापन पत्रों पर हस्ताक्षर हो सकता है.
दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, संस्कृति, सीमा शुल्क में परस्पर सहयोग, जनसंचार एवं मीडिया और विरासत स्थलों के बारे में कई समझौते हो सकते हैं. जॉर्डन उर्वरक और फॉस्फेट की आपूर्ति कर भारत के खाद्य सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है.