प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अफगानिस्तान पहुंचे. पीएम पांच देशों की यात्रा के पर हैं. अफगानिस्तान के हैरात में पीएम मोदी 'अफगान-इंडिया फ्रेंडशिप डैम' का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वह कतर, स्विट्जरलैंड, अमेरिका और मैक्सिको के दौरे रक जाएंगे. उनकी इस यात्रा का मुख्य मकसद इन देशों के साथ भारत के व्यापार, उर्जा और सुरक्षा सहयोग को विस्तार देना तथा संबंधों को नई गति प्रदान करनी है.
Prime Minister Narendra Modi arrives in Herat to launch the Afghan India Friendship Dam #ModiInAfghanistan pic.twitter.com/KTTI5uvEjz
— ANI (@ANI_news) June 4, 2016
NSG में सदस्यता पर वार्ता एजेंडे में
अपने इस विदेश प्रवास के दौरान मोदी 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के लिए स्विट्जरलैंड का सहयोग मांग सकते हैं क्योंकि ये दोनों इस प्रतिष्ठित समूह के मुख्य सदस्य हैं. वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मोदी की बातचीत के दौरान भी यह मुद्दा उठ सकता है.
हेरात में सलमा बांध का करेंगे उद्घाटन
अपनी विदेश यात्रा के पहले पड़ाव के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी अफगानिस्तान जाएंगे जहां हेरात प्रांत में वह अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ अफगान-भारत मित्रता सेतु का भी उद्घाटन करेंगे. पहले इसे सलमा बांध के नाम से जाना जाता था. दोनों नेता अफगानिस्तान में मौजूदा हालात सहित कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे. प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर अफगानिस्तान में अपने कार्यक्रम की जानकारी दी.
Tomorrow I will visit Afghanistan, where I will join the inauguration of Afghanistan-India Friendship Dam in Herat. https://t.co/4RN2JfcTjk
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2016
Looking forward to meeting President @ashrafghani & discussing India-Afghanistan ties, during my Afghanistan visit. @ARG_AFG
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2016
जानें क्या है मित्रता सेतु?
यह बांध हेरात शहर से 165 किलोमीटर पूर्व में स्थित है. भारत सरकार ने प्रांत के चिश्त ए शरीफ नदी पर इस बहुद्देशीय परियोजना का निर्माण कराया है जिससे 75 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकती है और 42 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकती है. इसके अलावा स्थानीय लोगों को जलापूर्ति एवं अन्य फायदे होंगे.
कतर का भी करेंगे दौरा
अफगानिस्तान से पीएम मोदी शनिवार को ही कतर जाएंगे और फिर वहां से रविवार को दो दिन के लिए स्विट्जरलैंड जाएंगे.
My Qatar visit is aimed at strengthening economic & people-to-people ties between India & Qatar. https://t.co/RmgmJ96ho1
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2016
कालेधन का उठेगा मुद्दा
स्विट्जरलैंड के नेतृत्व के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री वहां के बैंकों में भारतीय नागरिकों के जमा कालेधन के मुद्दे को भी उठा सकते हैं. यह पूछे जाने कि प्रधानमंत्री मोदी स्विस नेताओं के साथ बातचीत के दौरान कालेधन का मुद्दा उठाएंगे तो विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देश संपर्क में हैं. जयशंकर ने कहा, ‘हम दोहरे कराधान से बचाव की संधि डीटीएए के तहत स्विस सरकार के साथ संपर्क में हैं और हमने इसको लेकर कुछ चर्चा की है तथा निकट भविष्य में हमारी कुछ योजना है. दोनों देशों के बीच कर डाटा पर सूचना आदान प्रदान को लेकर हमें स्विस प्रशासन से सहयोग मिला है.’
सूचना के आदान-प्रदान पर होगी बात
जयशंकर ने कहा, ‘उम्मीद करते हैं कि स्विट्जरलैंड के साथ सूचना के ऑटोमैटिक आदान-प्रदान को लेकर जल्द से जल्द संपर्क स्थापित होगा तथा इस बारे में स्विस कर अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.’ एनएसजी में भारत की सदस्यता की दावेदारी के बारे में जयशंकर ने कहा कि भारत इस प्रतिष्ठित समूह का सदस्य बनने के लिए कई वर्षों से कोशिश करता आ रहा है और इसको लेकर काफी प्रगति हुई है.
In Switzerland, will meet President Schneider-Ammann. Will also meet businesspersons & Indian scientists at CERN. https://t.co/5Ho6fNyL8s
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2016
एनएसजी सदस्ययों के संपर्क में भारत
विदेश सचिव ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमने बहुत अधिक प्रगति की है और इस कारण हम कुछ दिन पहले एनएसजी की सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन कर सके हैं. हम इस मुद्दे को लेकर एनएसजी के सदस्यों के साथ संपर्क में हूं और स्विट्जरलैंड इस समूह का महत्वपूर्ण सदस्य है तथा ऐसे में हम निश्चित तौर पर यह मुद्दा बातचीत में आएगा.’ भारत ने गत 12 मई को एनएसजी की सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया.
अमेरिका का द्विपक्षीय दौरा
स्विट्जरलैंड से प्रधानमंत्री छह जून को वाशिंगटन जाएंगे जहां उनका काफी व्यस्त कार्यक्रम है. वह अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित भी करने वाले हैं. ऐसा करने वाले वह पांचवें भारतीय प्रधानमंत्री होंगे. प्रधानमंत्री मोदी छह जून को ‘अरलिंगटन नेशनल सिमिटरी’ में श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इसके बाद वह कई अमेरिकी थिंकटैंक के प्रमुखों से मुलाकात करेंगे. वह प्रवासी भारतीयों के एक कार्यक्रम में भी शिकरत करेंगे.
अमेरिकी संसद को करेंगे संबोधित
प्रधानमंत्री मोदी सात जून को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के साथ द्विपक्षीय मुद्दों के संपूर्ण परिप्रेक्ष्य में बातचीत करेंगे. बातचीत के बाद मोदी के लिए ओबामा ने एक भोज का आयोजन भी किया है. आठ जून को मोदी अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे और बाद में उनके लिए स्पीकर ने दोपहर के भोज का आयोजन किया है. मोदी के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा और सीनेट की विदेश मामलों की समितियों एवं इंडिया कॉकस भी एक स्वागत कार्यक्रम का आयोजन करेंगे.
My visit to USA is aimed at building upon the progress achieved in India-USA ties & adding new vigour to our strategic partnership.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2016
राष्ट्रपति के गेस्टहाउस ‘ब्लेयर हाउस’ में ठहरेंगे PM
पीएम मोदी राष्ट्रपति के गेस्टहाउस ‘ब्लेयर हाउस’ में ठहरेंगे. विदेश सचिव जयशंकर ने कहा, ‘अमेरिका का दौरा एक तरह से संबंधों को मजबूत करने के लिए है. वे (मोदी और ओबामा) संबंधों को और आगे ले जाने के लिए काम करेंगे.’ प्रधानमंत्री मोदी के दौरे में आखिरी समय पर स्विट्जरलैंड और मैक्सिको की यात्रा के कार्यक्रम को जोड़े जाने के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि इसी साल परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन से इतर स्विस राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हुई मुलाकात में इस यात्रा का विचार आया.
मैक्सिको के साथ विदेश दौरे का समापन
पीएम मोदी आठ जून को मैक्सिको पहुंचेंगे जहां वह राष्ट्रपति एनरिक पेना नीतो के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत बातचीत करेंगे जिसमें एनएसजी में भारत की सदस्यता की दावेदारी का विषय भी शामिल होगा.