भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय रिश्ते नये मुकाम पर पहुंच रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने आज नई दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच तीन परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीएम शेख हसीना के साथ तीन और परियोजनाओं का उद्धाटन करने से मुझे खुशी है. आज की ये तीन परियोजनाएं तीन अलग-अलग क्षेत्रों में हैं. पीएम मोदी ने बताया कि एलपीजी इंपोर्ट, वोकेशनल ट्रैनिंग और सोशल फैसिलिटी के क्षेत्र में परियोजनाओं की शुरुआत की गई है.
Remarks by PM @narendramodi at the joint remote inauguration of 3 bilateral projects in Bangladesh- “मुझे खुशी है कि Prime Minister शेख हसीना जी के साथ तीन और bilateral projects का उद्घाटन करने का मौका मुझे मिला है”
— PMO India (@PMOIndia) October 5, 2019
आज की ये तीन परियोजनाएं तीन अलग-अलग क्षेत्रों में हैं:— LPG import, vocational training और social facility: PM
— PMO India (@PMOIndia) October 5, 2019
पीएम मोदी ने बताया, 'पिछले एक साल में हमने वीडियो लिंक से 9 प्रोजेक्ट को लॉन्च किया. आज के तीन प्रोजेक्ट को जोड़कर एक साल में हमने एक दर्जन ज्वाइंट प्रोजेक्ट लॉन्च किए हैं.' बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना गुरुवार से चार दिवसीय भारत दौरे पर हैं. शेख हसीना तीस्ता जल बंटवारा और रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर भी भारत से बात करेंगी.
Delhi: Prime Minister of Bangladesh Sheikh Hasina and Prime Minister Narendra Modi witness exchange of agreements, and inaugurate of bilateral projects between India & Bangladesh. pic.twitter.com/PdjcVfasd2
— ANI (@ANI) October 5, 2019
सूत्रों ने इंडिया टुडे से कहा कि इस वार्ता के दौरान नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (NRC) पर फोकस नहीं होगा. बातचीत के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग और संबंधों को बढ़ाने पर जोर होगा. पीएम मोदी के साथ मुलाकात से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी शेख हसीना से मुलाकात की.
Delhi: Prime Minister of Bangladesh, Sheikh Hasina met External Affairs Minister (EAM), Subrahmanyam Jaishankar today. pic.twitter.com/rJ46qWymJK
— ANI (@ANI) October 5, 2019
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शुक्रवार को एक ब्रीफिंग में कहा, 'द्विपक्षीय संबंध इतने करीब कभी नहीं रहे हैं. स्वाभाविक रूप से, चर्चा का केंद्र द्विपक्षीय संबंध होगा. जब मैं द्विपक्षीय संबंध कहता हूं, तो हम अगले कदमों के बारे में बात कर रहे हैं, जो दोनों देशों को रिश्ते को एक अलग स्तर पर लाने के लिए अब उठाने चाहिए.'